नई दिल्ली / दिल्ली की तीन सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में किसानों की मौत का सिलसिला जारी है। जानकारी के मुताबिक, टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा के जींद के रहने वाले एक किसान ने आत्महत्या कर ली है। दरअसल ,टिकरी बॉर्डर पर 52 वर्षीय एक किसान ने बीती रात फांसी लगा ली। किसान के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। किसान के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
इसमें सियासी राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। सभी राजनैतिक दल अपनी – अपनी रोटियां सेकने में लगे है। किसान ने अपनी मौत का जिम्मेदार मोदी सरकार को बताया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से किसान का सुसाइड नोट जारी किया गया है। कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से कहा है कि “जींद के एक किसान ने आज टिकरी बॉर्डर पर आत्महत्या कर ली और ये चिट्ठी छोड़ गए। चिठ्ठी में लिखा है, “मोदी सरकार तारीख पर तारीख देती जा रही है। पता नहीं कब ये काले कानून वापिस होंगे।” लानत है ऐसी सरकार पर जो किसानों की जान ले रही है। लानत है उस मीडिया पर जो सच पर पर्दा डाल रही है।”
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आपको बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा और पंजाब के हजारों किसान 70 दिन से भी अधिक समय से दिल्ली की तीन सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आंदोलन में अभी तक कई किसानों की जान जा चुकी है। पिछले महीने ही टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल होने आए एक किसान की मौत हो गई थी। इसके अलावा दिसंबर में पंजाब के एक वकील ने टिकरी बॉर्डर से कुछ दूर ही जहर खाकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी।इसके अलावा एक सिख गुरू संत राम सिंह ने भी कथित तौर पर सिंघु बॉर्डर के पास ही आत्महत्या कर ली थी। दिल्ली बॉर्डर के पास विरोध स्थल से लौटने के बाद पंजाब के बठिंडा में एक 22 वर्षीय किसान ने भी कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। पंजाब के ही 65 वर्षीय किसान ने सिंघु बॉर्डर पर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी।