RJD नेता शिवानंद तिवारी ने दिया विवादित बयान , कहा – सचिन तेंदुलकर जैसे लोगों को भारतरत्न देना ‘भारतरत्न’का अपमान है

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पटना /  कृषि कानून के खिलाफ चल रहा आंदोलन अब काफी व्यापक रूप ले चुका है। अब इस मामले में खेल और बॉलीवुड हस्तियां भी कूद चुकी हैं। कोई किसान आंदोलन का समर्थन कर रहा है, तो कोई इस मुद्दे पर सरकार के साथ खड़ा नजर आ रहा है। इसी कड़ी में क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट कर दिया है, जिस पर उन्हें अब एक राजद नेता के कोप का भाजन बनना पड़ रहा है।

राजद के बड़े नेता शिवानंद तिवारी ने उन पर निशाना साधते हुए कहा ही कि सचिन को भारत रत्न देना सम्मान का अपमान करने के बराबर है। राजद नेता शिवानंद तिवारी के ‘भारत रत्न’ जैसे देश के सर्वोच्च सम्मान पर उंगली उठाने से अब इस पर विवाद पैदा हो गया है। लोग उन पर देश का अपमान करने का आरोप लगा रहे हैं। बता दें कि उन्होंने सचिन को भारत रत्न देने का विरोध तब भी किया गया था जब उनकों इस सम्मान के लिए चुना गया था। अब उनका कहना है कि सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न देने का फैसला सही नहीं था। उन्होंने कहा इतना सर्वोच्च सम्मान पाने वाले लोग अलग अलग ब्रांड का प्रचार करते हैं। इससे ‘भारत रत्न’ का ही अपमान हो रहा है। उन्होंने कहा कि तेंदुलकर कई उत्पाादों के विज्ञापन करते हैं | तेंदुलकर कुछ दिन पहले भारत की संप्रभुता के साथ समझौता नहीं करने संबंधित एक ट्वीट किया था | इस ट्वीट के माध्यम से उन्होंने देश को एकजुट रहने की अपील की थी | 

तिवारी ने कहा, किसान गांव के हैं, उन्हें क्या मालूम कि ट्विटर पर क्या चल है | उन्हें ग्रेटा और रिहाना के बारे में क्या जानकारी? उनके खिलाफ में आपने सचिन तेंदुलकर को उतार दिया | ये तेंदुलकर भारत रत्न है , भारत रत्नधारी आदमी तरह-तरह के उत्पादों का विज्ञापन करते हैं, मॉडल बने हुए हैं | यह भारत रत्न का अपमान है, तेंदुलकर जैसे लोगों को भारत रत्न देना  |  उन्होंने आगे कहा, जब तेंदुलकर को भारत रत्न दिया जाना था, तब भी मैंने विरोध किया था | इन लोगों से बयान दिलवाकर आप क्या चाहते हैं कि दुनिया आंख पर पट्टी बांध ले , ऐसा नहीं है | 

उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त पॉप सिंगर रिहाना सहित कई विदेश में रहने वाले लोगों के किसान आंदोलन के समर्थन में किए गए ट्वीट के बाद सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया पर कहा था, भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता है. बाहरी ताकतें दर्शक हो सकती हैं, लेकिन प्रतिभागी नहीं. भारतीय भारत को जानते हैं और भारत के लिए फैसला करना चाहिए. आइए एक राष्ट्र के रूप में एकजुट रहें