रायपुर / छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को हाल ही में छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के भ्रष्ट अफसरों ने अपने एक प्रायोजित मकसद के तहत आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनाया था। कुम्हारी के खारुन ग्रीन सिटी रेसिडेंट वैलफेयर एसोसिएशन के नाम पर आयोजित इस कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र में चैतन्य बघेल और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तस्वीरें छापी गई थी। यहीं नहीं आमंत्रण पत्र में विभागीय मंत्री मोहम्मद अकबर और चेयरमैन कुलदीप जुनेजा का नाम दरकिनार कर अफसरों ने खुद अपना नाम विशिष्ट अतिथि की हैसियत से दर्ज कराया था। आमतौर पर ऐसा आमंत्रण पत्र नज़र नहीं आता है ,जैसा की हाउसिंग बोर्ड के भ्रष्ट अफसरों ने छपवाया था। अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।
बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस मामले में आगाह किया है। अपने ट्वीट में चंद्राकर ने लोकार्पण शिलालेख की तस्वीर जारी कर लिखा कि ”ये शिलालेख क्या दर्शा रहा है ? आपके विवेक पर छोड़ता हूँ। मेरी माने तो एसआईटी जाँच करवाइये। कोई षड्यंत्र होगा तो सामने आएगा। उधर चुने हुए जनप्रतिनिधि और हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन कुलदीप जुनेजा के नाम के ऊपर चैतन्य बघेल का नाम उल्लेखित किये जाने के मायने भी निकाले जा रहे है।
बताया जाता है कि भ्रष्ट अफसरों ने मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्त में लेने के लिए यह कदम उठाया था। इन अफसरों द्वारा दावा किया जा रहा है कि रायपुर की शांति नगर रिहैब्लीटेशन योजना समेत अन्य प्रोजेक्ट में चैतन्य बघेल सहभागी बनेंगे। चर्चा है कि अपने कुछ ख़ास मकसद को पूरा करने के लिए हाउसिंग बोर्ड के कुछ ख़ास अफसरों ने चैतन्य बघेल को खुश करने के लिए मुख्य अतिथि बनाने का पांसा फेका था। बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में अरबों के घोटाले का आये दिन पर्दफ़ाश हो रहा है। जेल जाने के भय से भ्रष्ट अफसरों की नींद उडी हुई है। इसलिए अकबर -बीरबल के निर्देश पर इन अफसरों ने मुख्यमंत्री और उनके बेटे का दामन थामने का बीड़ा उठाया है।
सूत्रों के मुताबिक जिस सामुदायिक भवन का उद्घाटन चैतन्य बघेल के हाथो करवाया गया है, उस प्रोजेक्ट में भी लाखो का भ्रस्टाचार सामने आया है। सूत्रों द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि अकबर -बीरबल ने एक रणनीति के तहत चैतन्य बघेल को आगे लाया है। उधर यह भी चर्चा छिड़ी है कि चैतन्य बघेल भिलाई महापौर चुनाव में भाग्य आजमाने की तैयारी में है। हाउसिंग बोर्ड के भ्रष्ट अफसरों ने यह भी दावा किया है कि चैतन्य बघेल की जीत की जवाबदारी उनके कंधो पर डाली गयी है।
छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड का यह प्रायोजित कार्यक्रम अब सरकार के गले की फ़ांस भी बन गया है। दरअसल इस तरह के कार्यक्रमों में सरकारी अफसरों को अतिथि बनने पर रोक है। राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने बाकायदा आदेश जारी कर नौकरशाहो को अतिथि ना बनने की हिदायत देते हुए दंडनीय कार्यवाही की चेतावनी दी है। लेकिन सरकारी संरक्षण का दावा कर भ्रष्ट अफसर सरकार के दिशा -निर्देशों की भी धज्जियां उड़ा रहे है। फिलहाल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस मामले की जाँच के निर्देश देंगे या नहीं , यह तो उनके स्वविवेक पर निर्भर करता है। लेकिन उनके पुत्र का दामन थामने के बाद हाउसिंग बोर्ड के भ्रष्ट अफसरों के दावे सुर्ख़ियों में है।