गांधी जी के बलिदान दिवस पर मदिरा प्रेमियों का नशामुक्ति ज्ञान , छत्तीसगढ़ में गांधी जी के सिद्धांतों का उड़ा मजाक , कलेक्टर से लेकर मंत्रियों ने नशाखोरी के दुष्परिणामों से लोगों को कराया वाकिफ , शराबबंदी के वादे से मुकरी सरकार की “शराब बंदी” पर चुप्पी और कैबिनेट मंत्री की नशामुक्ति की शपथ चर्चा में

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रायपुर / छत्तीसगढ़ में शराबखोरी और नशे की बढ़ती लत के मद्देनजर जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चुप्पी साधे हुए है , वही राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया की नशाबंदी के लिए कराई जा रही शपथ चर्चा में है | एक ओर जहां राज्य की कांग्रेस सरकार अपने पार्टी घोषणा पत्र में शराबबंदी का वादा कर मुकर गई है , वही कैबिनेट मंत्री अनिला भेड़िया की नशामुक्ति को लेकर जनता को दिलाई जा रही शपथ छत्तीसगढ़ सरकार को मुंह चिढ़ा रही है |

आज महात्मा गांधी की पुण्य तिथि बलिदान दिवस पर मंत्री अनिला भेड़िया की शराब मुक्ति और नशाखोरी के खिलाफ विरोध की ललकार चर्चा में है | दिलचस्प बात यह भी है कि राज्य के कई जिलों में कलेक्टरों ने नशाखोरी के खिलाफ लोगों को जागरूक किया और नशामुक्ति की शपथ भी दिलाई | जबकि जिले के राजस्व अधिकारी होने के नाते इन्ही कलेक्टरों के कंधों पर आबकारी विभाग का दायित्व भी है | इन्ही के मार्गदर्शन में शराब के ठेके और दुकानें खुलती है | यह भी गौरतलब है कि राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत पार्टी के कई महत्वपूर्ण नेताओं ने दिनभर महात्मा गांधी के सिद्धांतों का गुणगान किया |

सुबह से ही गांधी जी की प्रतिमाओं के इर्द-गिर्द उनके संदेशों की वकालत करने वाले नेताओं का जमावड़ा लगा रहा | महात्मा गांधी की शख्सियत और सिद्धांतों पर तमाम नेताओं ने जमकर ज्ञान पेला | लेकिन एक महिला मंत्री को छोड़ सत्ताधारी दल के  किसी भी नेता ने शराबबंदी को लेकर अपना मुंह तक नहीं खोला | बलिदान दिवस पर आयोजित तमाम कार्यक्रम परंपरागत ढंग से संपन्न तो हो गए , लेकिन गांधी जी के आदर्शों पर चलने का दावा करने वालों की शराबबंदी को लेकर असलियत भी जनता के सामने आ गई | 

बलिदान दिवस पर लोगों की निगाहें समाज कल्याण मंत्री और छत्तीसगढ़ योग आयोग की अध्यक्ष अनिला भेड़िया के कदमों में टिकी रही | राज्य में बह रही शराब की नदियों को मिल रहे सरकारी संरक्षण के बीच उन्होंने एक ऐसे कार्यक्रम में शिरकत की , जहां नशामुक्ति संकल्प के लिए लोगों को कसमे खिलाई गई |

एक ओर जहां प्रदेश के शहरों से लेकर गांव तक सरकारी और गैर सरकारी शराब दुकानों और नशे के ठिकानों का तेजी से विस्तार हो रहा है , वही इस कार्यक्रम में सहभागी बने लोगों ने नशाबंदी के लिए संकल्प लिया | दिलचस्प बात यह रही कि रायपुर जिले में आबकारी विभाग की के प्रभारी और जिला कलेक्टर एस भारतीदासन ने नशाबंदी का ज्ञान दिया | इसके दुष्प्रभाव को बताते हुए उन्होंने कहा कि समाज और परिवार में ज्यादातर समस्या नशे के कारण होती है | तकनीकी विकास की दौर में नशीले पदार्थों को भी मिले खुले बाजार की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसका असर छोटे बच्चों से लेकर बड़ो तक दिखाई दे रहा है | उन्होंने कहा कि नशामुक्ति के संदेशों को देकर यदि हम एक परिवार को भी पीड़ा से मुक्त कर सके तो वह मानवता की सच्ची सेवा होगी | 

इसके पूर्व समाज कल्याण विभाग के डायरेक्टर पी दयानन्द ने भी शराबखोरी का ज्ञान उड़ेला | उन्होंने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि देश में हर साल 5 प्रतिशत लोगों की मौत शराब पीने से हो जाती है | 1 प्रतिशत लोग तंबाखू और अन्य नशा करते है | दयानंद ने कहा कि नशाबंदी के लिए विभाग ने रोडमैप तैयार किया है | उन्होंने बताया कि भारत माता वाहीनी और योग आयोग के सहयोग से ग्राम से राज्य तक समन्वित प्रयासों के साथ नशामुक्ति के लिए काम करने जा रहे है | 

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मंत्री अनिला भेड़िया ने महात्मा गांधी के विचारों की चर्चा करते हुए कहा कि भारत देश स्वच्छ सुंदर और नशामुक्त हो | उन्होंने नशामुक्ति को लेकर लोगों को शपथ दिलाई | उन्होंने कहा कि नशे ने आज हर वर्ग के लोगों को जकड़ रखा है , इसमें से ज़्यादातर नौजवान है | उन्होंने नशे के दुष्परिणामों से लोगो को वाकिफ कराया |    

महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर आयोजित बलिदान दिवस के विभिन्न कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिरकत की | उनका ट्वीट चर्चा में रहा | उन्होंने कहा –  तानाशाही, अत्याचार के बादल चंद पल अंधेरा तो कर सकते हैं लेकिन सच्चाई और अहिंसा के सूरज के आगे उनको एक दिन नतमस्तक होना ही पड़ता है | मुख्यमंत्री बघेल के इस ट्वीट को उनके विरोधियों पर तंज के रूप में भी देखा जा रहा है |  

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी बलिदान दिवस पर राजधानी रायपुर के पुरानी बस्ती स्थित गांधी भवन जैतूसाव मठ में मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया | इससे पहले उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में राष्ट्रपिता के बलिदान दिवस पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में भाग लेकर पुष्पांजलि अर्पित की ।

महात्मा गांधी के नशाखोरी और शराब के दुष्परिणामों की व्याख्या भारतीय सामाजिक पृष्ठभूमि से जुडी हुई है | गांधी के सुशासन में नशामुक्ति अभियानों की विशेष भूमिका है | गांधी दर्शन के आधारभूत सिद्धांतों पर ही रामराज की कल्पना भी की जाती है | मौजूदा परिदृश्य में प्रदेश में शराबबंदी का वादा भी चुनावी जुमला साबित हुआ है | सत्ता में आते ही शराबबंदी का वादा करने वाली कांग्रेस ने नशाखोरी में कटौती करने के बजाए इसे सरकारी राजस्व का प्रमुख जरिया बना लिया है | शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक चमचमाती शराब की दुकानें “बोतलबंद” सरकार का एजेंडा जाहिर कर रही है | ऐसे में इस तथ्य को लेकर माथापच्ची हो रही है कि बापू का गुणगान करने वाले मदिराप्रेमी कैसे हो सकते है ?