रायपुर / कोरोना के चलते देशभर के स्कूलों में ताला लटका हुआ है | लिहाजा बच्चों की ऑनलाइन क्लास के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है | हालांकि अब धीरे स्थिति सामान्य हो रही है | क्योंकि अब देशभर में कोरोना टीकाकरण अभियान भी शुरू हो गया है | इससे लोगों के मन में वायरस को लेकर जो डर का माहौल था वो भी काफी हद तक कम हो गया है | इधर छत्तीसगढ़ में भी लगभग पूरे साल स्कूल बंद रहने के बाद इस बार कक्षा पहली से 8वीं तक के बच्चे अगली कक्षा में प्रमोट कर दिए जाएंगे। हालांकि यह नियम पिछले लंबे वक्त से राज्य में लागू है। इस बार भी इसे जारी रखने को कहा गया है। इसमें 30 लाख छात्रों में से कोई भी छात्र फेल नहीं होगा।
लोक शिक्षण संचालनालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 के दरमियान ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई के बाद सभी छात्र आंकलन रिपोर्ट के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट होंगे। लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक की ओर से सभी जिला शिक्षा धिकारी और संभागीय संयुक्त संचालकों को दिए गए दिशा-निर्देश के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन में प्रदेश में पहले से यह नीति है कि कक्षा पहलीं से आठवीं तक के बच्चों को परीक्षा के आधार पर पिछली कक्षा में नहीं रोका जाता है। समस्त बच्चों को सामान्य रूप से अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाता है। प्रदेश के सभी विद्यालयों में बच्चों की अकादमिक उपलब्धियों का सतत मूल्यांकन किया जाता है और उसके आधार पर आवश्यक शिक्षण देने की व्यवस्था की जाती है।
9वीं-11वीं के पेपर स्कूल से होंगे तय
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने एक अन्य जारी आदेश में कहा है कि 9वीं-11वीं के पेपर स्कूल में ही तय होंगे और परीक्षा भी स्कूल में ही आयोजित की जाएगी। माशिमं के सचिव ने इस संबंध में सभी स्कूल के प्रिसिंपल को आदेश जारी कर दिया है। माशिमं ने कहा है कि स्कूल प्रबंधन शीघ्र ही प्रश्न-पत्र तैयार करके अपने स्कूल में ही परीक्षा आयोजित कर परिणाम भी समय पर जारी करें। परीक्षा के दौरान केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए कोविड-19 एसओपी का भी पालन हो।
10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए
माध्यमिक शिक्षा मंडल की तरफ से जारी निर्देशों के मुताबिक दसवीं कक्षा की परीक्षा 15 अप्रैल 1 मई तक चलेगी। 12वीं कक्षा की परीक्षा 3 मई से शुरू होकर 24 मई तक चलेगी । ये दोनों ही परीक्षा ऑफलाइन मोड में होगी। यानी स्टूडेंट्स कों सेंटर्स में जाकर परीक्षा देनी होगी। इस साल कोविड के खतरे को देखते हुए यह किया गया है कि बच्चे जिस स्कूल में पढ़ते हैं, उन्हें वहीं परीक्षा देनी होगी। अलग सेंटर्स नहीं बनाए जा रहे।
प्रैक्टिकल एग्जाम को लेकर निर्देश
इस साल प्रैक्टिकल परीक्षाएं 10 फरवरी से शुरू हो जाएंगी परीक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा। स्कूलों को इस बात की आजादी होगी कि वो एक दिन में दो या तीन शिफ्ट में परीक्षा लें। प्रयोगिक परीक्षा को लेकर कहा गया है कि बच्चों की संख्या ज्यादा हो तो दो या तीन दिन में एक ही विषय की परीक्षा स्कूल ले सकेंगे। ताकि भीड़ ना जुटे। प्रायोगिक परीक्षाएं 10 मार्च से पहले पहले खत्म कर ली जाएंगी ।