छत्तीसगढ़ की मूल भाषा को लेकर बवाल, नर्सिंग छात्राओं का आरोप – छत्तीसगढ़ी बोली बोलने पर प्रिंसिपल ने लताड़ा, 6 माह पाठ्यक्रम में पीछे धकेलने का दंड, कांकेर के नर्सिंग इंस्टीट्यूट की छात्र-छात्राओं ने 8 किमी पैदल मार्च कर कलेक्टर से की शिकायत

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रिपोर्टर – राकेश शुक्ला 

कांकेर / छत्तीसगढ़ में राज्य की मूल भाषा को लेकर पहली बार विवाद की स्थिति देखी जा रही है | छात्रों की माने तो संस्था की प्राचार्य को छत्तीसगढ़ी बोली से एतराज है | अपनी मात्र भाषा का उपयोग करने पर प्रिंसिपल दंड देती है | मामला कांकेर स्थित अधीश्वर नर्सिग होम कॉलेज का है | यहां के नर्सिग छात्र – छात्राओं ने कॉलेज प्रिंसिपल पर आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ी बोली बोलने पर उन्हें पाठ्यक्रम में 6 माह बैक कर दिया जाता है ।

आज सुबह लगभग 80 की संख्या में नर्सिंग छात्र छात्राए जिला मुख्यालय से 8 किमी दूर पत्थरी नर्सिंग इंस्टीट्यूट से पैदल चल कर कलेक्टर बंगला पहुंचे थे । छात्र-छात्राओं ने तत्काल इंस्टिट्यूट प्रिंसपल को हटाने की मांग की | छात्र-छात्राओं ने प्रिसिंपल पर मानसिक प्रताड़ना देने का भी आरोप लगाया।

कलेक्टर बंगले में शिकायत लेकर पहुंची छात्रा प्रीति यादव ने न्यूज़ टुडे को बताया कि उन्हें छत्तीसगढ़ी बोलने पर प्रताड़ित किया जाता है | शिकायत करने पर इंस्टीट्यूट में प्रताड़ना दी जाती है | दंड के लिए उनसे पूरा कंपाउंड साफ कराय जाता है। गिट्टी पत्थर कचरा सब उठाया जाता है | उनका आरोप है कि प्रिंसपल के द्वारा हर शिकायत में पाठ्यक्रम से बैक करने की धमकीं दी जाती है |

एक अन्य छात्रा एसली थॉमस ने न्यूज़ टुडे से कहा कि हमारे कालेज में ज्यादातर स्टूडेंट छत्तीसगढ़ से है हम सब अलग-अलग गांव से आए है अपना बोली-भाषा बोलते है। लेकिन प्रिंसपल ने हमारा भाषा-बोली बोलने तक मना कर दिया है | वे कहती है कि अपनी बोली-भाषा बोलते दिखोगे तो में उठवा के फेंकवा दूंगी। उनके मुताबिक अपनी मातृ भाषा मे घर वालो से बातचीत करने से भी रोका जाता है। प्रिंसिपल कहती है कि 6 महीने का बैक लगेगा |छात्र -छात्राओं ने 17 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर चंदन कुमार के बंगले में पहुंचकर उन्हें शिकायत पत्र सौंपा | आधेश्वर नर्सिंग इंस्टीट्यूट के तमाम छात्र-छात्राओ ने कलेक्टर से मिलकर संस्था में चल रहे कारनामों का खुलासा भी किया |

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