छत्तीसगढ़ में नौकरशाही सरकार पर हावी , जन प्रतिनिधियों के बजाए कमिश्नर , अपर आयुक्त और ओएसडी बने कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि , विवादित अफसरों ने मुख्यमंत्री के बेटे का थामा दामन , सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाने में अफसर आगे , छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड अपने नए कारनामों को लेकर फिर सुर्ख़ियों में , देखे आमंत्रण पत्र 

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रायपुर / छत्तीसगढ़ में नौकरशाही के हावी होने को लेकर भले ही कांग्रेस , बीजेपी पर हमला करती हो | लेकिन उसकी सरकार में भी नौकरशाहों की तूती बोल रही है | सार्वजनिक कार्यक्रमों में जन प्रतिनिधियों के बजाए सरकारी अफसर अतिथि बनकर वाहवाही लूट रहे है | जबकि राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकारी कर्मियों को इस तरह के सार्वजनिक कार्यक्रमो में अतिथि बनने पर रोक लगाई हुई है | ताजा मामला छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के एक प्रोजेक्ट खारुन ग्रीन्स में सामुदायिक भवन के उद्धघाटन का था | इस कार्यक्रम का आयोजन और व्यय का बीड़ा हाऊसिंग बोर्ड ने उठाया था | आमंत्रण पत्र में हाऊसिंग बोर्ड के कमीश्नर डॉ. अयाज तंबोली , अपर कमिश्नर हर्ष कुमार जोशी और मुख्यमंत्री के ओएसडी मनीष बंछोर का नाम विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रण पत्र में दर्ज किया गया था | जबकि हाऊसिंग बोर्ड के चेयरमेन कुलदीप जुनेजा कार्यक्रम से नदारद रहे | उन्हें कार्य्रकम का अध्यक्ष बनाया गया था |

दिलचस्प बात यह है कि आमंत्रण पत्र में कार्यक्रम अध्यक्ष का नाम ही नहीं छापा गया था | जानकारी के मुताबिक अफसरों ने चेयरमेन को दरकिनार करने के लिए उनका नाम आमंत्रण पत्र में नहीं दर्ज किया था | जबकि कार्यक्रम स्थल में स्थापित शिलालेख में कुलदीप जुनेजा का नाम बतौर कार्यक्रम अध्यक्ष उल्लेखित किया गया है | नौकरशाहों के विशिष्ट अतिथि बनने को लेकर अब यह कार्यक्रम चर्चा का विषय बना हुआ है | बताया जा रहा है कि नौकरशाहों के विशिष्ट अतिथि बनने को लेकर आई आपत्तियों के बाद अयाज तंबोली ने भी आखिरी समय में कार्यक्रम से किनारा कर लिया | लेकिन अपर आयुक्त हर्ष कुमार जोशी अपनी कुर्सी पर डटे रहे |   

बताया जाता है कि रायपुर से सटे कुम्हारी इलाके में आज हाऊसिंग बोर्ड के एक प्रोजेक्ट खारुन ग्रीन्स आवासीय परिसर में सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया गया था | नव निर्मित इस भवन के उदघाटन के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे | यहां तक तो सब ठीक था , लेकिन कार्यक्रम में शामिल विशिष्ट अतिथियो को आसंदी में देखकर लोग हैरत में पड़ गए | उन्हें साफतौर पर नजर आने लगा कि कांग्रेस सरकार में भी नौकरशाह हावी है |

विशिष्ट अतिथि की कुर्सी पर अपर आयुक्त एचके जोशी और मुख्यमंत्री के ओएसडी मनीष बंछोर जमे हुए थे | इस दौरान लोगों की जुबान पर सामान्य प्रशासन विभाग के उस आदेश की चर्चा थी , जिसमे सरकारी नौकरों को इस तरह के कार्यक्रम में अतिथि बनने पर पाबंदी का हवाला दिया गया था | फ़िलहाल कार्यक्रम तो विधिवत संपन्न हो गया , लेकिन राजनैतिक गलियारों में नौकरशाहों के सरकार पर हावी होने का प्रत्यक्ष उदाहरण चर्चा का विषय बना हुआ है | चर्चा तो उस सामुदायिक भवन की गुणवत्ता की भी हो रही है , जो 1 करोड़ 13 लाख की लागत से यहां निर्मित किया गया है |