रायपुर में कलेक्टर कार्यालय के सामने सरकारी जमीन भू-माफियाओं के कब्जे में , ढाई एकड़ लीज प्रदत्त सरकारी जमीन पर प्राइवेट मॉल बनाने की तैयारी , कायदे-कानूनों की धज्जियाँ उड़ाकर बेच दी गई सरकारी जमीन , नगर निगम कर्मियों और मेयर को जेब में रखने का दावा कर भू-माफिया कब्जेधारियों की जमीनों पर रातों रात चलाने लगे जेसीबी मशीने , पुलिस और जिला प्रशासन मौन 

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रायपुर / रायपुर शहर के मध्य और कलेक्टर कार्यालय के सामने ही नियमों को धत्ता बताकर सरकारी जमीन पर मॉल बनाने की तैयारी जोरशोर से शुरू कर दी गई है | लीज की जमीन पर बन रहे इस मॉल को लेकर सालों पुराने कब्जाधारियों की दुकानों पर जेसीबी मशीन चलाई जा रही है | गैर क़ानूनी निर्माण के इस ठेके को मौदहपारा थाने के संरक्षण में अंजाम दिया जा रहा है | शिकायतकर्ताओं के मुताबिक स्थानीय थाना प्रभारी के संरक्षण में भू-माफियाओं ने सरकारी जमीन पर बनी दुकानों और इमारतों को रातो रात नेस्तनाबूत करने के लिए जेसीबी और डोजर डंपर का सहारा लिया | पीड़ितों ने जब मामले की सूचना पुलिस को दी , तो स्थानीय थाना प्रभारी के निर्देश पर फरियादियों को ही थाने में बैठा दिया गया | यही नहीं उनके खिलाफ मामला दर्ज कर कड़ी पुलिसिया कार्रवाई की चेतावनी दी गई |

मामला रायपुर के शास्त्री चौक इलाके का है | यहां स्थित करीब ढाई एकड़ सरकारी जमीन को करोड़ों में बेचकर मॉल बनाने की तैयारी जोरशोर से शुरू कर दी गई है | बताया गया कि यह सरकारी जमीन सालों पहले मध्यप्रदेश शासनकाल के दौर में मोहनलाल नत्थानी नामक शख्स को आवासीय उपयोग के लिए लीज में दी गई थी | लीज धारक ने इस जमीन का उपयोग आवसीय प्रयोजन के बजाये व्यावसायिक उपयोग में शुरू कर दिया | दस्तावेजों से पता पड़ता है कि बेशकीमती इस सरकारी जमीन पर दर्जन भर से ज्यादा कारोबारियों को दुकानें उपलब्ध कराकर किराए पर दे दी गई | वर्तमान में इस परिसर में लक्ष्मी मेडिकल , जय मेडिकल , लक्ष्मी डेंटल , इरोस इंटरप्रइजेज , सीपी कोल कंपनी , संजय चौधरी फर्म , सीए सुनील जोहरी फर्म , टाइटन शोरूम समेत कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान संचालित हो रहे है | 

पुख्ता जानकारी के मुताबिक करीब ढाई एकड़ की इस सरकारी जमीन की लीज का आज दिनांक तक नवीनीकरण तक नहीं हुआ है | सिर्फ आवासीय परिसर के लिए आवंटित की गई लीज की इस सरकारी जमीन का नवीनीकरण वर्ष 2022 में किया जाना है | इस बीच लीज धारक ने करोड़ों की रकम लेकर सरकारी जमीन को मॉल बनाने के लिए बेच दिया है | बताया गया कि यह लीज शुरुआती दौर में मोहनलाल नत्थानी के नाम पर आवंटित की गई थी | लेकिन बाद में उनकी मृत्यु के बाद इस जमीन को उनके पुत्र हनुमान प्रसाद नत्थानी , विनय कुमार (पोता) और कृष्णकुमार नत्थानी के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया | बताया जा रहा है कि राज्य सरकार की ओर से यह जमीन सिर्फ आवासीय उपयोग के लिए आवंटित की गई थी | लीज धारक को प्रशासन ने बकायदा लिखित में सूचित भी किया है कि लीज नियमों के उल्लंघन या व्यावसायिक प्रयोजन पाए जाने पर इसे रद्द कर दिया जायेगा | 

बताया जाता है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2002 में लीज की इस सरकारी जमीन पर पार्किंग प्रस्तावित की गई थी | चूँकि पुराने मंत्रालय के सामने यह सरकारी जमीन स्थित है | लिहाजा जन कल्याण के कार्यों के लिए यहां नव निर्माण की रुपरेखा तैयार की गई थी | हालांकि बाद में मंत्रालय नया रायपुर में प्रस्तावित किया गया | यह सरकारी जमीन पुराने मंत्रालय के ठीक सामने स्थित है | लिहाजा इसका व्यावसायिक इस्तेमाल कर मॉल बनाना प्रस्तावित किया गया है | 

उधर सरकारी नियम-कायदों को धत्ता बताते हुए लीज धारक ने कुछ स्थानीय कारोबारियों को करोड़ों में यह जमीन सौंप दी | अब यह सरकारी जमीन गैर क़ानूनी ढंग से लक्ष्मी मेडिकल के संचालकों के हाथों में सौंप दी गई है | बताया जा रहा है कि इसके भागीदार सुंदरलाल जादवानी , नरेश जादवानी , किशोर जादवानी , विजय जादवानी और संजय जादवानी ने संयुक्त रूप से इस सरकारी जमीन को खरीदकर अपने कब्जे में लेना शुरू कर दिया है | कारोबारियों का ये जत्था यहां मॉल निर्मित करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है |

बताया गया कि सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा कर इस जत्थे ने नगर निगम रायपुर से मॉल की अनुमति प्राप्त करने का दावा भी किया है | उसका यह भी दावा है कि मेयर के सहयोग और सहभागिता से वे यहां मॉल निर्मित कर रहे है | उधर इस गैर क़ानूनी निर्माण में बाधा बन रहे कब्जेधारियों को हटाने के लिए जत्थेदारों ने गुंडे बदमाशों और स्थानीय मौदहपारा थाने का सहयोग लेकर डराना धमकाना शुरू कर दिया है | शनिवार रात थाना प्रभारी के सहयोग से मौके पर जेसीबी से कब्जाधारियों की दुकानों को हटाने की कवायद शुरू की गई |

इस गैर क़ानूनी गतिविधि का विरोध करने पर सीपी कोल कंपनी के संचालक ज्ञानचंद टाटिया को अनधिकृत रूप से मौदहपारा थाने में कब्जे में लिया गया | फिर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रविवार सुबह 11 बजे रिहा किया गया | पीड़ितों ने कलेक्टर एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर समेत नगर निगम के मेयर से अपील की है कि सरकारी जमीन के इस अवैध कारोबार पर फौरन रोक लगाकर नियमानुसार कार्रवाई की जाए |