नई दिल्ली / कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए आज वर्किंग कमेटी की बैठक तनातनी के साथ खत्म हो गई | बैठक शुरू होते ही स्थिति सामान्य रही | लेकिन मौजूदा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के भाषण के कुछ देर बाद आंतरिक कलह सामने आ गया | बैठक में एक ओर नेताओं ने जल्द आंतरिक चुनाव कर नया अध्यक्ष चुनने की अपील की , वही इन नेताओं के सुर सुनकर अचानक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नाराज हो गए | चलती बैठक में वे बागी नेताओं पर भड़क गए और उन्होंने कहा कि चुनाव की इतनी जल्दी क्यों है, क्या आपको सोनिया गांधी के नेतृत्व पर विश्वास नहीं है। गहलोत ने कहा कि इस समय देश में किसान आंदोलन, महंगाई, अर्थव्यवस्था जैसे कई मुद्दे हैं, क्या पार्टी का इन मुद्दों पर फोकस करना जरूरी नहीं हैं ? पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव तो बाद में भी हो सकता है।
सूत्रों की माने तो कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने बैठक में संगठन चुनाव का मुद्दा उठाया, जिस पर अशोक गहलोत ने उन्हें जवाब दिया। बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से कहा गया कि पार्टी को जल्द ही इसका शेड्यूल निकाल चाहिए, क्योंकि इसके अलावा कई और मुद्दे भी हैं, जो अहम हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में वैक्सीन की कीमत तय की जा रही है लेकिन गरीब कैसे टीका लगवाएगा। तेल के दाम भी बढ़ रहे हैं। किसान आंदोलन में लोग मारे जा रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार कुछ नहीं कर रही है, इसलिए ऐसे राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है।कांग्रेस वर्किंग कमेटी की आज की बैठक में यह साफ़ हो गया कि पार्टी मई माह के आखिरी या जून महीने में आंतरिक चुनाव करा सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि पार्टी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने के बाद ही अध्यक्ष पद का चुनाव कराएगी।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में किसान आंदोलन, टीकाकरण और चैट विवाद पर जांच की मांग से जुड़े प्रस्ताव पास किए गए हैं। बैठक में यह तय हुआ कि कांग्रेस जिला और ब्लॉक स्तर पर लगातार कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी करेगी। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने न्यूज़ टुडे से चर्चा करते हुए कहा कि संसद के आगामी सत्र में पार्टी समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर ‘किसान विरोधी कानूनों’ का विरोध करेगी | उन्होंने कहा कि सरकार पर दबाव बनाएगी कि वह इन कानूनों को निरस्त करे।