जयपुर / जयपुर में सिल्वर आर्ट ग्रुप, चैरडिया ग्रुप और गोकुल कृपा पर दो दिन से चल रही आयकर छापों की कार्रवाई में कुल 1400 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा हुआ है। इस कार्रवाई में चैंकाने वाली बात ये रही कि ज्वेलरी व्यवसायी के घर पर आयकर विभाग को एक सुरंग नुमा तहखाना मिला है, जिसमें 15 बोरे आर्ट ज्वेलरी व एंटीक सामान और लेनदेन व संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। इस ज्वेलरी व्यवसायी के यहां 525 करोड़ के अघोषित लेनदेन का पता चला है। वहीं करीब सवा सौ करोड़ रुपए का ऋण बाजार में देकर ब्याज के रूप में बड़ा मुनाफा कमाने की बात सामने आई है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के मुताबिक, जयपुर में 19 जनवरी को 20 जगह छापे मारने के साथ ही 11 जगह सर्वे अभियान चलाया गया। इस दौरान शहर के सबसे नामी कॉलोनी निर्माता के यहां पिछले 6-7 साल के दौरान करीब 650 करोड़ रुपये की अघोषित आय के दस्तावेज व डिजिटल सबूत मिले। सर्राफा फर्म के यहां करीब 122.67 करोड़ रुपये के नकद कर्ज देने समेत कुल 525 करोड़ रुपये की अघोषित आय के सबूत मिले हैं। सर्राफा फर्म अपनी अघोषित आय को कर्मचारियों के बैंक खातों के जरिये इधर से उधर घुमा रही थी।
कामर्शियल सेंटरों का निर्माण करने वाले दूसरे रियल एस्टेट समूह के यहां 19 करोड़ रुपये सूद पर देने के अलावा कुल 225 करोड़ रुपये की अघोषित आय के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। कंपनी के एक ठिकाने पर गोपनीय चैंबर से 15 करोड़ की बेनामी संपत्ति के भी दस्तावेज मिले हैं।
जौहरी ने शुरुआती पूछताछ में किसी भी स्टॉक रजिस्टर के रखरखाव से इनकार किया लेकिन गुप्त सुरंग तक विभाग की टीम पहुंची तो प्रत्येक आइटम पर अल्फा-न्यूमेरिक सीक्रेट कोड में वास्तविक बिक्री मूल्य लिखा था । टीम कोड को क्रैक करने पर काम कर रही है। सुरंग से दो हार्ड-डिस्क और पेन-ड्राइव भी मिलीं। जिनमें कोड के रूप में विभिन्न वस्तुओं का विवरण था। जौहरी समूह ने विभिन्न व्यक्तियों को नकद ऋण दिया था, जिसकी राशि 122.67 करोड़ रुपए है। उस पर बेहिसाब ब्याज भी कमाया है। समूह ने अपने कर्मचारियों और कारीगरों के बैंक खातों के माध्यम से नकद आय भी पेश की थी। समूह में अब तक 525 करोड़ के अघोषित लेनदेन का पता चला है।
सीबीडीटी ने बताया कि महाराष्ट्र के ठाणे में भी 12 जनवरी को एक नामी बिल्डर समूह के बोरीवली, मीरा रोड और भयंदर इलाकों में मौजूद ठिकानों पर छापे मारकर 10.16 करोड़ की बेनामी नकदी जब्त की गई थी। साथ ही कुल 520.56 करोड़ रुपये की अघोषित आय के सबूत जुटाए गए हैं। बिल्डर के बेनामी लॉकरों की तलाशी अभी ली जानी बाकी है। बिल्डर ने 514.84 करोड़ रुपये पर आयकर भरने की सहमति भी दे दी है।