छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के भ्रष्टाचारों की कलई खुलने के बाद अदालत में जांच की मांग वाली याचिकाओं का दौर शुरू , अकबर-बीरबल के ख़ास नुमाइंदे के करोड़ों के भ्रष्टाचार को लेकर हाईकोर्ट का निर्देश , 45 दिन के भीतर कार्रवाई करने के आदेश , देखे दस्तावेज  

0
6

रायपुर / छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड में बीते 10 सालों में अरबों का घोटाला सामने आया है | दिलचस्प बात यह है कि पूर्ववर्ती बीजेपी शासनकाल में हुए घोटालों की जांच के बजाएं विभागीय मंत्री और अफसर उन घोटालों के मामलों को रफा दफा करने में जुटे है | यही नहीं भ्रष्ट अफसरों को अकबर-बीरबल के मिल रहे संरक्षण के चलते उनके खिलाफ कोई वैधानिक कार्रवाई नहीं की जा रही है | नतीजतन लोगों ने अदालत का रुख करना शुरू कर दिया है | बताया जा रहा है कि विभागीय मंत्री मोहम्मद अकबर , कमिश्नर डॉ अयाज तंबोली और भ्रष्टाचार में नामजद किये गए अतिरिक्त कमिश्नर एचके जोशी , एमडी पनारियां और एचके वर्मा के खिलाफ कई याचिकाएं प्रक्रिया में है | इस बीच संपदा अधिकारी एमएस शेख के खिलाफ करोड़ों के भ्रष्टाचार को लेकर उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर ने निर्देश जारी किया है | 

एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एमएस शेख के भ्रष्टाचारों को लेकर 45 दिनों के भीतर वैधानिक कार्रवाई करने के आदेश दिए है | बताया जा रहा है कि यह याचिका विभागीय कर्मी पीके सोनवानी द्वारा दायर की गई थी | इसमें कहा गया है कि तत्कालीन मुख्य लेखाधिकारी एमएस शेख ने 31/01/2019 को विकासखंड स्तरों पर निर्माणाधीन जीएडी क्वार्टर पर्वेक्षण शुल्क के मद में 1 करोड़ 19 लाख रूपये का आहरण बिना किसी सक्षम स्वीकृति से किया था | कई दस्तावेजी प्रमाणों के साथ दायर हुई इस याचिका के सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड को 45 दिनों के भीतर कार्रवाई कर अदालत को सूचित करने के निर्देश दिए है | 

एमएस शेख

बताया जा रहा है कि 1 करोड़ 19 लाख की अफरा-तफरी का यही एक मात्र मामला एमएस शेख के खिलाफ नहीं है | बल्कि उसके खिलाफ सरकारी रकम में हेरफेर के आधा दर्जन से ज्यादा गंभीर मामले है | यह भी कहा जा रहा है कि अकबर-बीरबल का खास नुमाइंदा होने के चलते उसके खिलाफ करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामलों की जांच पर विभाग ने ही पर्दा डाल दिया है | जानकारी के मुताबिक महिला प्रताड़ना और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे इस शख्स को पदोन्नति देने के लिए कमिश्नर डॉ. अयाज तम्बोली की कार्यप्रणाली चर्चा में है |

सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि वे एमएस शेख को शांति नगर रिडेवलपमेंट योजना का संपदा अधिकारी बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है | व्यक्तिगत रूचि लेकर मंत्रालय में उनके जोड़तोड़ के प्रयास चर्चा का विषय बने हुए है | उधर विभागीय कर्मियों की दलील है कि प्रदेश में योग्य और सक्षम अधिकारियों को पदोन्नति देने के मामलों में रूचि ना लेकर एक दागी अफसर को पदोन्नति देने के प्रयास और मकसद की जांच की जानी चाहिए | 

फ़िलहाल लोगों की निगाहें एमएस शेख के भ्रष्टाचार को लेकर अदालती फरमान पर लगी हुई है | उधर भ्रष्टाचार में डूबे अन्य अफसरों को लेकर दायर होने वाली याचिकाएं क्या रंग लाती है , यह तो वक्त ही बताएगा |