नई दिल्ली / संसद भवन परिसर की कैंटीन में अब सांसदों को सब्सिडी वाला खाना नहीं मिलेगा। उन्हें खाने के पूरे दाम भी चुकाने होंगे | अचानक खत्म हुई सब्सिडी से विपक्ष हैरत में है | दरअसल सोशल मीडिया में इसे लेकर जबरदस्त कैंपेन चली थी | इसमें बताया गया था कि बाजार में खाने-पीने की वस्तुओं के लिए आम आदमी को कैसे जेब ढीली करनी पड़ती है | जबकि सांसदों को मुफ्त के भाव इस कैंटीन में क्या क्या व्यंजन परोसे जाते है | इस कैंपेन ने व्यापक असर डाला है | आखिरकर सरकार को सब्सिडी खत्म करने का कदम उठाना पड़ा | फ़िलहाल हैरत में पड़े विपक्ष ने इस मामले को लेकर चुप्पी साधी हुई है |
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मंगलवार को कहा कि संसद की कैंटीन में सांसदों को भोजन पर दी जाने वाली सब्सिडी पर रोक लगा दी गई है। ओम बिरला ने कहा, ”सांसदों, अन्य को संसद में कैंटीन के भोजन पर दी जाने वाली सब्सिडी रोक दी गई है।” उन्होंने बताया कि संसद की कैंटीन को अब इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन चलाएगा। इससे पहले उत्तरी रेलवे के पास ये जिम्मेदारी थी। कैंटीन में एक थाली की कीमत 30 रुपये थी। ओम बिरला ने कहा, ”29 जनवरी से शुरू होने वाले संसद सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक होगी, लोकसभा की कार्यवाही शाम चार से रात आठ बजे तक होगी।”
उन्होंने कहा कि संसद सत्र शुरू होने से पहले सभी सांसदों से कोविड-19 जांच कराने का अनुरोध किया जाएगा। सांसदों के आवास के निकट भी उनके आरटी-पीसीआर कोविड-19 परीक्षण किए जाने के प्रबंध किए गए हैं। बिरला ने कहा कि संसद परिसर में 27-28 जनवरी को आरटी-पीसीआर जांच की जाएगी, सांसदों के परिवार, कर्मचारियों की आरटी-पीसीआर जांच के भी प्रबंध किए गए हैं।
बिरला ने कहा कि सांसदों के आवास के निकट भी उनके आरटी-पीसीआर कोविड-19 परीक्षण किए जाने के प्रबंध किए गए हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र, राज्यों द्वारा निर्धारित की गई टीकाकरण अभियान नीति सांसदों पर भी लागू होगी। बिरला ने कहा कि संसद सत्र के दौरान पूर्व निर्धारित एक घंटे के प्रश्नकाल की अनुमति रहेगी।