दिलचस्प खबर : साइबर और डिजिटल अपराधों के लिए प्रसिद्ध जामताड़ा में साइबर रिसर्चर डालेंगे डेरा, ठगों की चालाकी और चूना लगाने के हुनर पर अमेरिकी रिसर्च एजेंसी करेगी शोध, देश विदेश के लिए साइबर क्राइम का गढ़ है झारखंड का जामताड़ा

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जामताड़ा / देश-विदेश में साइबर अपराधों के लिए झारखंड का जामताड़ा कुख्यात इलाका है | यहां घर घर में साइबर ठगी के हुनरबाज मौजूद है | देश में साइबर और डिजिटल अपराधों के लिए कुख्यात इस इलाके में आमतौर पर तमाम राज्यों की पुलिस दस्तक दे चुकी है | लेकिन अब यहां शोध के लिए वैज्ञानिक भी डेरा डालेंगे | जामताड़ा इलाके की पुलिस भी यहां के ठगों के आगे घुटने टेक देती है | वो जानती है कि रोजाना यहां के ठगराज लाखों कमाते है | लेकिन बगैर FIR और प्रामाणिक सबूतों के उन्हें धर दबोचना मुश्किल भरा होता है | अपराधों के इस गढ़ में निवासरत नौ जवानों पर एक बेहतरीन वेब सीरीज भी बनी है, जो ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी |

इस दर्शकों ने काफी पसंद भी किया था , क्योकि साइबर अपराधों से कितनी आसानी से रकम उड़ाई जा सकती है , इसे देखकर वे भी हैरत में पड़ गए थे | जानकारी के मुताबिक जामताड़ा साइबर ठगी के गढ़ के रूप में इसलिए जाना जाता है, क्योकि यहां स्कूली बच्चे तक अलग-अलग मोबाइल नंबरों से फोन कर देश विदेश के लोगों को ठगते है | जामताड़ा के इन शातिर ठगों पर अब अमेरिका के शोधकर्ताओं ने दिलचस्पी दिखाई है। जामताड़ा के ठगों पर अमेरिका रिसर्च करने वाला है। इन ठगों ने अपने स्टाइल के लिए दुनियाभर में सुर्खियां बटोरी है । हैरत अंगेज बात यह है कि जामताड़ा के ये ठग इतने पढ़े लिखे नहीं है लेकिन फिर भी इन्होंने लाखों पढ़े-लिखे और अमीर लोगों को ठगा है।

अमेरिकी एजेंसी इन ठगों की ब्रेन मैपिंग कर यह पता लगाएगी कि इतना कम पढ़ा-लिखा होने के बावजूद भी यहां के साइबर ठगों को आईटी की बारिकियां कैसे मालूम हैं। यहां के ठग किस तकनीकी के आधार पर लोगों का अकाउंट हैक कर लेते हैं। रिसर्च में शोध के बिंदुओं को लेकर दिल्ली में डीजीपी स्तर के अधिकारियों ने भी बैठक की है। अब इन ठगों पर अमेरिका की एक एजेंसी रिसर्च कर यह पता करेगी कि आखिर ये हुनर कैसे इन तक पंहुचा | यही नहीं साइबर क्राइम की बारीकियां बगैर जानकारी के इन तक कैसे पहुँचती है | जानकारी के मुताबिक, अमेरिका की यह रिसर्च एजेंसी इस बात पर भी शोध करेगी कि जामताड़ा जैसे शहर और यहां रहने वाले, बिना पढ़े लिखे इन ठगों ने इतनी संख्या में लोगों को अपना शिकार कैसे बनाया।

दरअसल साइबर सुरक्षा से जुडी एजेंसी भी यह पता लगाना चाहती है कि इन ठगों को तकनीकी की इतनी जानकारी कैसे और कहां से मिला करती है । अमेरिकी जांच एजेंसी भी इस बात को लेकर हैरत में है कि कैसे इन ठगों ने तकनीकी का इस्तेमाल कर लोगों को बेवकूफ बनाया है | देश विदेश में लोगों का अकाउंट हैक कर लाखों रुपयों अपने खातों में ये लोग डलवा लेते है | ग्राहकों से बातचीत के दौरान ही यहां के हुनरबाज उनकी बैंक में जमा रकम पर हाथ साफ कर देते है | अब जामताड़ा में साइबर अपराधों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैै। किसी ना किसी राज्य की पुलिस यहां रोजाना जांच करने के लिए आती है। जानकारी के मुताबिक जामताड़ा में साक्षरता दर काफी कम है। लेकिन लोगों के पास उनके हुनर के चलते काफी रकम है |

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