छत्तीसगढ़ में फार्मासिस्ट के बिना संचालित हो रही है बड़े पैमाने पर दवा दुकाने, शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक जोखिम भरी दवा दुकानों से नशे का कारोबार, एक लाइसेंस पर दर्जनों दुकाने, कई कारोबारियों के पास कई फर्जी लाइसेंस, जाँच की मांग, सरकार को ज्ञापन सौंप कर की गई कार्यवाही की मांग

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रायपुर / छत्तीसगढ़ के तमाम जिलों में बड़े पैमाने पर दवाओं की जोखिम भरी दुकाने संचालित हो रही है। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी इलाकों तक कई कारोबारियों ने एक लाइसेंस पर दर्जनों दुकाने खोल ली है। यही नहीं एक ही लाइसेंस को कई कारोबारियों को किराये पर दिया गया है। एक शिकायत में कहा गया है कि कई कारोबारियों ने फर्जी लाइसेंस के सहारे भी दुकाने खोली है। गंभीर बात यह है कि नियमानुसार दवा दुकानों में फार्मासिस्ट की नियुक्ति सिर्फ कागजों में है। हकीकत में दुकानों में तैनात कर्मियों का फार्मेसी से कोई लेना देना नहीं है। वे सामान्य ज्ञान के भरोसे लोगों को दवा मुहैया करा रहे है।

बताया जा रहा है कि खानापूर्ति करने के लिए एक ही फार्मासिस्ट को दर्जनों दुकानों में कार्यरत दर्शाया गया है। कई बड़े कारोबारियों ने तो एक – दो फार्मासिस्ट को नियुक्त कर अपनी दर्जनों दुकानों में उन्हें कार्यरत बताया है। प्रदेश के 6 बड़े शहरों रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़ और कोरबा में बड़े पैमाने पर जोखिम भरी दवा दुकाने संचालित हो रही है। बताया जा रहा है कि गली मोहल्लो में खुल चुकी कई दुकानों से नशीली दवाये लोगों को मुहैया कराई जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन (आईपीए) छत्तीसगढ़ स्टेट ब्रांच के एक प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन सौंप कर गंभीर शिकायत की है। इस शिकायत में बिना फार्मासिस्ट संचालित मेडिकल दुकानों को तत्काल बंद कराने की मांग की गई है। आईपीए के प्रदेश सचिव फार्मासिस्ट राहुल वर्मा ने बताया कि पूरे प्रदेश में हर दुकान मेडिकल दुकान बिना फार्मासिस्ट गैर प्रशिक्षित लोगों द्वारा चलाया जा रहा है, जिसके कारण आय दिन दवा संबंधी दुर्घटनाएं हो रही है।

नशीली दवाएं आसानी से मिल जा रही है। डी एंड सी ऐक्ट के अनुसार केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट ही दवाओं को डिस्पेंस कर सकता है, जिसके तहत फार्मासिस्ट डॉक्टर के प्रेसिक्रप्श्न की ऑडिट करके मरीजों को दवा उपलब्ध करता है और एलोपैथी दवाओं को लेने के तरीकों व उसके गुण – दोष आदि की जानकारी देता है। उन्होंने कहा कि कई दुकानों से नशीली प्रतिबंधित दवाये अवैध रूप से बेच कर दुकानदार लाभ कमा रहे है। यह घातक साबित हो रहा है।

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