मेरठ/ उत्तर प्रदेश में मेरठ के एक गांव में मालिक और उसकी भैंस के बीच प्रेम का अनूठा उदाहरण देखने को मिला है | यहां किसान अपनी भैंस की मृत्यु में बाद काफी दुखी हो गया | उसने अपनी भैंस की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार भी ठीक उसी कर्मकांडी अंदाज़ में किया जैसे इंसान की मौत पर किया जाता है | जानकारी के अनुसार मेरठ के बहसूमा थाना क्षेत्र के गांव मोहम्मदपुर के रहने वाले एक किसान सुभाष की भैंस की बीमारी के चलते बीते दिनों मृत्यु हो गई | जिसमें भैंस की तेरहवीं आयोजित की जा रही है | इस मौके पर पूरे गांव को तेरहवीं की दावत दी गई और पूरे विधि-विधान से सभी ग्रामीणों ने भैंस को श्रद्धांजलि दी | यह अनूठी तेरहवीं पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है |
दरअसल सुभाष ने अपनी भैंस को बेहद प्रेम करता था और इसिलए उसने भैंस का अंतिम संस्कार ढोल नगाड़ों के साथ अंतिम यात्रा निकालकर किया था | मोहम्मदपुर शाकिस्त गांव के रहने वाले सुभाष पेशे से किसान हैं। पिछले 32 सालों से सुभाष के पास एक भैंस थी। हालांकि यह भैंस काफी समय पहले दूध देना बंद कर चुकी थी। लेकिन बचपन से इस भैंस को पाल रहे सुभाष ने अपनी भैंस नहीं बेची। उधर, बीमारी के चलते कुछ दिन पहले इस भैंस की मौत हो गई। भैंस की मौत के बाद सुभाष के परिवार ने ढोल-नगाड़ों के साथ पूरे विधि-विधान से भैंस का अंतिम संस्कार किया। बृहस्पतिवार को भैंस की मौत के 13 दिन बीत जाने के बाद सुभाष ने अपने घर पर हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार भैंस की तेरहवीं की रस्म अदा की। इसमें बाकायदा टेंट और हलवाई लगाकर पूरे गांव की दावत का इंतजाम किया गया।
सैकड़ों ग्रामीण इस भैंस के तेरहवीं भोज में शरीक हुए। पहले एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसमें सुभाष और अन्य सभी ग्रामीणों ने भैंस के फोटो पर फूल चढ़ाते हुए उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। तेरहवीं की दावत में शामिल होने आए सभी ग्रामीणों ने प्रसाद के रूप में बनाया गया खाना खाया। भैंस के मालिक सुभाष का कहना है कि वह अपनी भैंस को अपने परिवार के सदस्य की तरह मानते थे। लिहाजा उन्होंने उसकी मौत के बाद आत्मा की शांति के लिए वह हर रस्म अदा की, जिससे उनकी भैंस की आत्मा को स्वर्ग में जगह मिल सके।
समूचे क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है |
इससे पहले बीते दिनों एक कुत्ते की शव यात्रा यहां निकाली गई थी | मेरठ के कमिश्नरी पार्क चौराहे पर ये अनोखी तस्वीर देखने को मिली थी | यहां एक कुत्ते की मौत के बाद गमगीन पुलिसकर्मियों ने उसकी अंतिम यात्रा निकाली और उसका अंतिम संस्कार भी किया था | कुत्ता कोरोना काल से मेरठ कमिश्नरी चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मियों और पीएसी के जवानों के साथ रहता था | कुत्ते का मालिक उसे कोरोना के शुरुआती दौर में चौराहे पर छोड़ कर चला गया था, पुलिस वालों ने उसकी देखभाल की थी. तब से डॉगी पुलिसवालों के साथ ही रहता था | पुलिसवाले इसे अपना साथी मानकर अपने साथ बड़े प्यार से साथ रखते थे, लेकिन बीमारी के चलते मंगलवार को उसकी मौत हो गई |आज भैंस की तेरहवीं मनाते वक़्त इस कुत्ते की चर्चा भी बार बार होती रही |