छत्तीसगढ़ में धान पर मचा बवाल , मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले- धान खरीदी पर षड़यंत्र कर रह रही है बीजेपी , किसान न्याय योजना को बोनस बताने की कोशिश 

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रायपुर / छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर घमासान जारी है। सीएम बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर धान खरीदी को रोकने का षड़यंत्र करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रमन सिंह और छत्तीसगढ़ भाजपा यहां की राजीव गांधी किसान न्याय योजना को धान का बोनस बताने की कोशिश कर रही हैं।

बघेल ने कहा कि पिछले साल हमने राजीव गांधी किसान नया योजना लागू की थी। जिस तरह भारत सरकार किसानों को भारत सम्मान निधि दे रही है, हमने भी ठीक उसी तर्ज पर प्रति एकड़ राजीव गांधी किसान योजना के तहत किसानों को सहायता दी है। इसमें धान के अलावा मक्का और गन्ना को शामिल किया है। उन्होंने कहा कि तीन किस्त में पैसे दिए हैं। चौथे किस्त में देना बाकी है। इन दोनों को क्लब करने की बात कहां से आई। रमन सिंह का पुराना बयान निकालिए। उन्होंने कहा था धान खरीदी किए हैं लेकिन अभी तक उसका 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान नहीं किया है | 

मुख्यमंत्री ने कहा, यह बात वहां से निकली। मैंने विधानसभा में भी स्पष्ट किया कि धान को समर्थन मूल्य पर खरीदा है। यह राजीव गांधी किसान न्याय योजना है। दोनों योजनाओं को एक साथ क्लब मत करिये। किसानों के लिए बहुत सारी योजनाएं हम करते रहे हैं। खाद, बिजली, कृषि यंत्रों में सब्सिडी देते हैं। केंद्र सरकार भी करती है। दूसरे राज्य भी करते हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, मैंने सोचा कि पढ़े लिखे आदमी हैं। 15 साल मुख्यमंत्री रहें हैं, इस तरह का बयान क्यों दे रहे हैं। अब समझ में आया कि वह यह बयान क्यों दे रहे थे। वह बयान इसलिए था ताकि किसानों को धान खरीदी का लाभ न हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा, यह भाजपा की प्रदेश इकाई का षड़यंत्र है।

पंचायत और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, धान खरीदी मामले में केंद्र सरकार का रुख दुर्भाग्यजनक है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की अनुमति दे दी। लेकिन एफसीआई हमें यह नहीं बता रही है कि अरवा कितना जमा करने है और उसना कितना जमा करना है। इस आदेश के बिना मीलिंग नहीं हो सकती है। चावल बनेगा तो जमा नहीं हो पाएगा। ऐसे में खरीदी केंद्रों में धान जाम हो जाएगा। सिंहदेव ने कहा, छत्तीसगढ़ के किसान भी भारत के ही किसान है। केंद्र सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए जिससे किसान परेशानी में पड़ें।