नई दिल्ली / विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फाइजर और बायोएनटेक की कोविड-19 वैक्सीन के आपातकाल इस्तेमाल को गुरुवार को मंजूरी दे दी है। अब दुनियाभर के देशों के लिए रास्ते खुल गए हैं कि वह इस वैक्सीन के आयात और वितरण की जल्द अनुमति दे सकें। हालांकि, इससे पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि डब्ल्यूएचओ चीन की वैक्सीन को मंजूरी दे सकता है। वैसे बता दें कि सबसे पहले ब्रिटेन ने फाइजर वैक्सीन को मंजूरी दी थी। इसके बाद वहां वैक्सीनेशन के अभियान की शुरुआत हो गई थी।
ब्रिटेन के बाद अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय संघ के अन्य देशों ने भी फाइजर वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत दे दी। अब डब्ल्यूएचओ की मंजूरी के बाद अन्य देश भी इस ओर कदम बढ़ाएंगे। हालांकि, अमेरिका में फाइजर की वैक्सीन लगाने के कुछ ही दिन बाद एक नर्स के कोरोना पॉजिटिव होने की घटना सामने आई थी | 45 साल के पुरुष नर्स ने बताया कि उन्हें 18 दिसंबर को कोरोना वैक्सीन लगाई गई थी | छह दिन के बाद उनमें कोरोना के लक्षण सामने आ गए |
इसी के साथ अब दुनियाभर के देशों में फाइजर की कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल का रास्ता खुल गया है |
डब्ल्यूएचओ ने गरीब देशों तक कोरोना वैक्सीन को जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए इमरजेंसी यूज लिस्टिंग प्रॉसेस को भी शुरू कर दिया है | इस सूची में शामिल होने के बाद किसी भी कोरोना वैक्सीन को दुनियाभर के देशों में आसानी से आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल जाएगी |एक्सपर्ट्स ने इसपर कहा था कि वैक्सीन लगाए जाने के कुछ दिन बाद कोरोना पॉजिटिव होने की घटना अप्रत्याशित नहीं है | अमेरिका के सैन डियागो के संक्रामक रोग विशेषज्ञ क्रिस्टियन रैमर्स ने बताया कि वैक्सीन ट्रायल से यह पता चल चुका है कि खुराक लेने के 10 से 14 दिनों के बाद ही व्यक्ति में इम्यूनिटी तैयार होती है |
वहीं, पूरी सुरक्षा के लिए दूसरी खुराक भी लेनी होती है | गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ ने फाइजर वैक्सीन को अच्छी तरह परखने के बाद ही इसके आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी है।संस्था ने अपने और दुनियाभर के विशेषज्ञों के फाइजर वैक्सीन के सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता के आंकड़ों की समीक्षा की। समीक्षा में पाया गया है कि यह वैक्सीन संगठन की ओर से सुरक्षा और प्रभावकारिता के लिए निर्धारित मानकों पर खरा उतरती है। वैसे बता दें कि भारत में भी आज किसी वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। इसे लेकर एक अहम बैठक आज होने वाली है। अगर आज किसी वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मिल जाती है, तो विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम होगा।