मुंबई / महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों शिवसेना सांसद और वरिष्ठ नेता संजय राउत अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में बने रहते हैं। कुछ माह पूर्व तक वे केंद्र सरकार पर हमला करने में पीछे नहीं रहे। सुशांत केस का मामला हो या फिर अभिनेत्री कंगना रनौत का। दोनों ही मामलों में संजय राउत की तल्खी सुर्ख़ियों में रही। उन्होंने सरकार के खिलाफ उठ रहे कदमों का फ्रंट पर सामना किया। लेकिन अचानक उनकी बोलती बंद हो गई है। महीने भर से उनकी नींद उड़ी हुई है। केंद्र पर हमला तो छोड़िये संजय राउत ने अभिनेत्री कंगना रनौत और पत्रकार अर्नब गोस्वामी का नाम लेने से भी तौबा कर लिया है। बताया जा रहा है कि उन्हें अपने से ज्यादा अपनी पत्नी की चिंता है। दरअसल इन दिनों उनकी पत्नी चर्चा में हैं।
बहुत कम लोग जानते है कि शिवसेना सांसद संजय राउत की पत्नी का नाम वर्षा राउत है। उनकी वर्ष 1993 में वर्षा से शादी हुई थी। इस दौरान मुंबई के भांडुप के एक स्कूल में वर्षा शिक्षिका के पद पर कार्यरत थी। राजनीतिक सुर्खियों से दूर रहने वाली वर्षा राउत फिल्म प्रोड्यूसर के तौर पर भी काम करती हैं। उनकी आखिरी फिल्म 2019 में आई ‘ठाकरे’ थी। रायटर एंटरटेनमेंट एलएलपी नाम की फर्म ने ही वर्ष 2019 में बॉलीवुड फिल्म ‘ठाकरे’ बनाई थी। वर्षा राउत अपने पति संजय राउत और बेटियों पूर्वांशी और विदिता के साथ इस फर्म में भागीदार हैं। वर्षा और संजय राउत की दो बेटियां भी हैं, जिनका नाम पूर्वांशी और विदिता है। राउत परिवार भांडुप की फ्रेंड्स कॉलोनी में स्थित अपने मैत्री बंगले में रहता हैं।
तामझाम से दूर और लो प्रोफाइल वाली वर्षा की तीन फर्मों में पार्टनरशिप ने उन्हें चर्चा में ला दिया है। इनकम टैक्स और ईडी इन कंपनियों के कामकाज और मनी ट्रांजेक्शन को लेकर जाँच कर रही है। संजय राउत की ओर से चुनाव आयोग को समय – समय पर दिए गए हलफनामे के मुताबिक, वर्ष 2014-15 में वर्षा राउत की आय 13,15,254 रुपये थी। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार वर्षा राउत तीन फर्मों, रायटर एंटरटेनमेंट एलएलपी, सनातन मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड और सिद्धांत सिस्कोन प्राइवेट लिमिटेड की पार्टनर हैं। वर्षा राउत हाल ही में तब चर्चा में आईं, जब उन्होंने पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक घोटाला मामले के संबंध में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होने से मना कर दिया |
हालाँकि सवालों का जवाब देने के लिए तैयारी के लिए उन्होंने पांच जनवरी तक का समय मांगा था। ईडी ने तीसरी बार समन भेजकर वर्षा राउत को पेश होने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले, ईडी ने वर्षा राउत को 11 दिसंबर और 22 दिसंबर को एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए दो बार समन जारी किए थे। लेकिन वर्षा ने तबीयत बिगड़ने का हवाला देते हुए एजेंसी के सामने पेश होने से मना कर दिया था। इस मामले पर संजय राउत भी सोशल मीडिया पर भड़के थे और केंद्र सरकार पर परेशान करने का आरोप लगाया था। बताया जाता है कि मनी ट्रांजेक्शन के कई मामलों के सामने आने के बाद राउत दंपति का हाल बेहाल है। हालाँकि अपने कड़े तेवर दिखाते हुए ईडी के समन को लेकर संजय राउत ने कहा, ”घर की महिलाओं को निशाना बनाना कायरता का काम है। हम किसी से नहीं डरते हैं और उसी के अनुसार प्रतिक्रिया देंगे।
ईडी को कुछ कागजात की आवश्यकता थी और हमने उन्हें समय पर जमा कर दिया है।” ईडी सूत्रों ने न्यूज़ टुडे को बताया कि प्रवीण राउत, गुरुआशीष कंस्ट्रक्शंस नाम की एक कंपनी के निदेशक हैं, जो हाउसिंग डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है। प्रवीन राउत के गुरुआशीष कंस्ट्रक्शंस कंपनी के डायरेक्टर रहने के दौरान ही सारंग और राकेश वाधवन एचडीआईएल के प्रमोटर थे। राकेश वाधवन और सारंग दोनों ही 6500 करोड़ रुपये के पीएमसी बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। इस केस की जांच ईडी कर रही है। इसी मामले में संजय राउत की पत्नी की भूमिका होने के चलते ईडी ने वर्षा राउत को समन भेजे हैं।
ईडी ने रकम की अफरा – तफरी को लेकर वर्षा राउत को समन जारी किया था। एक अन्य मामला कुछ इस तरह का बताया जा रहा है कि वर्षा राउत ने प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी प्रवीण राउत से 55 लाख रुपये का लोन लिया था। दस्तावेज बताते है कि इस रकम का इस्तेमाल संपत्ति खरीदने के लिए किया गया था। ईडी ने वर्षा को माधुरी राउत से लिए गए 55 लाख रुपये के लोन के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया है। सिद्धांत सिस्कोन प्राइवेट लिमिटेड में माधुरी प्रवीण राउत भी पार्टनर हैं। फ़िलहाल राउत दंपत्ति से कई लेन -देन में पूछताछ जारी है। उधर असलियत को सामने आने से रोकने के लिए अब सरकारी तंत्र का उपयोग – दुरुपयोग भी शुरू हो गया है।