रिपोर्टर – मनोज़ सिंह चंदेल
राजनांदगांव / छत्तीसगढ़ में पुलिस कर्मियों की आत्महत्याएं दुखदायी साबित हो रही है | पुलिस और केंद्र सुरक्षा बलों के आलाधिकारी आत्महत्यों को रोकने के मामले में नाकाम साबित हुए है | बताया जाता है कि नक्सली मोर्चे पर आज भी सैकड़ों जवान तनाव और अवसाद के दौर से गुजर रहे है | उनकी समस्यों के निराकरण के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं होने के चलते ये जवान आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे है | राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के दर्जनों जवान सालाना आत्महत्या करते है | हर साल आत्महत्या करने वाले जवानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है |
इसके बावजूद इस तरह के मामलों में रोकथाम लगाने के लिए आलाधिकारियों की दिलचस्पी ना लेना भी चिंताजनक बना हुआ है | पीटीएस राजनांदगांव में तैनात एक पुलिस जवान ने सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली दाग दी। मौके पर ही उसकी मौत हो गई | आरक्षक विनोद साहू 2007 बैच का बताया जा रहा है। देर रात गोली चलने की आवाज से पीटीएस में हड़कंप मच गया है। आरक्षक को तत्काल मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।फिलहाल आरक्षक ने खुद को गोली क्यों मारी इसका कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, पुलिस तफ्तीश शुरू कर दी है।