अशोक नगर / बच्चा वार्ड के एसएनसीयू में एक नवजात की किलकारियां गूंज रही थी। सब कुछ सामान्य था। लेकिन कुछ देर बाद पलंग पर चादर इस तरह से रखा था कि वो बच्ची पर ढाँका गया है। लेकिन जैसे ही चादर हटा इस बच्ची की माँ की आंखे फटी की फटी रह गई। बिस्तर से बच्ची नदारत थी। घटना मध्य प्रदेश के अशोक नगर के जिला चिकित्सालय की है। यहाँ इस बच्ची के रख रखाव और सुरक्षा को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। जानकारी के मुताबिक एसएनसीयू वार्ड में एक परिवार की नवजात बेटी स्वास्थ्य कर्मियों की साजिश से गायब हो गई। उधर इस मामले की जानकारी लगने के 6 घंटे बाद अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया।
बताया जाता है कि नीलम नाम की प्रसूता को शुक्रवार सुबह चार बजे भर्ती कराया गया था। इस महिला को उसके पति व अन्य परिजन ईसागढ़ के जनोदा गांव से जिला चिकित्सालय लाए थे। यहाँ प्रसूति वार्ड में सुबह 11 बजकर 53 मिनट पर उसने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया था। इसके बाद उसे एसएनसीयू वार्ड में एक घंटे तक भर्ती कर दिया गया।
बताया जाता है कि पालक झपकते ही उनकी नवजात बेटी गायब हो गई। पीड़ित पिता विक्रम केवट ने न्यूज़ टुडे को बताया कि जब उनकी मां अपनी पोती को लेने पहुंची तो एसएनसीयू में मौजूद स्टाफ नर्सों ने बताया कि आपकी बच्ची यहां से जा चुकी है। उसे आपके परिजन ले गए है। इसके बाद बच्ची की माँ ने बताया कि बच्ची को कोई नहीं लाया है। इसके बाद परिजन फिर से एसएनसीयू वार्ड में पहुंचे। यहाँ अब स्टाफ ने बताया कि आपकी बच्ची को नीलम नाम की कोई महिला ले गई है। उसने कहा कि एक घंटे बाद फिर वो वापस लौटेगी।
उधर परिजनों ने अस्पताल के कोने-कोने में बच्ची को खोजा। लेकिन कोई नहीं मिला। आखिरकार उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से शिकायत की। उधर मामले के गरमाने के बाद डॉक्टर एमसी दुबे ने बताया कि चन्देरी क्षेत्र की एक नीलम नाम की एक अन्य आदिवासी महिला को भी प्रसव के बाद बेटी हुई थी। उनके मुताबिक स्टाफ को दोनों महिलाओं के एक जैसे नाम होने पर ग़लतफहमी हो गई थी। इससे विक्रम केवट की पत्नी नीलम की बेटी बदल गई। अस्पताल प्रबंधन ने इस बच्ची को वापस लाने के लिए दूसरी नीलम जो की चन्देरी क्षेत्र में निवासरत बताई जाती है, एम्बुलेंस को भेजा है। हालाँकि जिला चिकित्सालय की जो टीम बच्ची को ढूढ़ने गई थी वह टीम खाली हाथ वापस आ गई। गुमशुदा नवजात का अभी तक कुछ पता नहीं चलने पर मामला पुलिस के संज्ञान में लाया गया है।