हाथरस / उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय एक दलित युवती से गैंगरेप एवं उसकी हत्या के मामले में केंद्रीय में सीबीआई ने चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। ये चार्जशीट शुक्रवार को कोर्ट में दाखिल की गई है। सीबीआई ने मामले में लड़की के साथ गैंगरेप और उसके बाद हत्या की पुष्टि की है। सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी ऐक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया है। इन पर 302 ,354 376 एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया है।आरोपियों के वकील ने अदालत के बाहर संवाददाताओं को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने संदीप, लवकुश, रवि और रामू के खिलाफ सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के आरोप लगाए हैं तथा हाथरस में स्थानीय अदालत ने संज्ञान लिया है। गौरतलब है कि 14 सितंबर को अपने गांव के चार लोगों द्वारा कथित सामूहिक बलात्कार के बाद एक पखवाड़े बाद दिल्ली के अस्पताल में इलाज के दौरान 19 वर्षीय युवती की मृत्यु हो गई थी |
जिसके बाद यूपी पुलिस ने उसका गाँव में आधी रात को अंतिम संस्कार किया गया था | युवती के परिवार ने आरोप लगाया था कि पीड़िता की इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी। इसके बाद उसकी 30 सितंबर की रात उसके घर के पास रात में अंत्येष्टि कर दी गई थी। युवती के परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने आनन-फानन में अंत्येष्टि करने के लिए उन पर दबाव डाला था। हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा, ‘‘अंत्येष्टि परिवार की इच्छा के अनुसार की गई.’’ अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने मामले के आरोपियों–संदीप, लवकुश, रवि और रामू–की भूमिका पर गौर किया है, जो न्यायिक हिरासत में हैं |
उन्होंने बताया कि गुजरात के गांधीनगर स्थित प्रयोगशाला में आरोपियों की विभिन्न फोरेंसिक जांच भी की गई है | सीबीआई ने एक तरफ जहां जांच के बाद कहा है कि युवती के साथ रेप हुई थी। वहीं, घटना के बाद एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने पीसी के जरिए साफ किया था कि युवती के साथ रेप की घटना नहीं हुई। उन्होंने कहा था कि गले में चोट लगने और उसके कारण से ट्रॉमा के चलते पीड़िता की मौत हुई है। दरअसल, इस घटना के बाद लगातार यूपी सरकार और यूपी प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे थे क्योंकि पीड़िता के परिवार वालों ने आरोप लगाया था कि उनकी इज्जाजत के बिना पीड़िता का अंतिम संस्कार रात के दो बजे कर दिया गया। इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और यूपी के आलाकमानों को तलब किया था।
वहीं, चारों युवकों की गिरफ्तारी के बाद, उसमें से एक ने यूपी पुलिस को पत्र भी लिखा था। जिसमें आरोपित युवक ने कहा था कि उसका पीड़िता के साथ संबंध था। और इस दोस्ती को उसके परिवार वाले पसंद नहीं करते थे इसलिए उसके भाई ने हीं खुद पीड़िता की हत्या कर दी।बाद में, यह मामला सीबीआई को हस्तांतरित कर दिया गया। सीबीआई ने घटना की जांच के लिए एक टीम गठित की और जांच कार्य अपनी गाजियाबाद इकाई को सौंपा था। टीम, पीड़िता के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज कर चुकी है।