नई दिल्ली / कोलकाता और गुजरात समेत देश के विभिन्न राज्यों में अस्पतालों में आग लगने से मरीजों की मौत के मामले को शीर्ष अदालत ने गंभीरता से लिया है। हाल ही में राजकोट के कोविड-19 अस्पताल में आग में पांच मरीजों के जिंदा जलने के मामले को संज्ञान में लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को कड़े निर्देश दिए है। इसमें कोविड अस्पतालों के साथ सभी अस्पतालों का हर माह अग्नि सुरक्षा ऑडिट कराने का आदेश दिया गया है। शीर्ष कोर्ट ने यह भी कहा कि इसके लिए सभी राज्य कमेटी गठित करें।

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि प्रत्येक राज्य सरकार को अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा मानदंडों का पालन सुनिश्चित करने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि लगातार ऐसी घटनाएं होने के बावजूद इस समस्या को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

देश के अस्पतालों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आई हैं। अग्नि सुरक्षा को लेकर ज्यादातर अस्पतालों में कोई प्रबंध नहीं है। इसके चलते मरीजों और उनके परिजनों की सुरक्षा सवालों के घेरे में आ गई है। हाल ही के दिनों में अस्पतालों में आग लगने की घटना में कई मरीजों ने अपनी जान भी गंवाई है। इनमें से कई मरीज ऐसे हैं, जिनकी दम घुटने या जलने से मौत हुई है।

गुजरात के राजकोट में एक कोविड अस्पताल में आग लगने के कारण पांच मरीजों की मौत की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट व्यथित दिखाई दी थी। शीर्ष अदालत ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की और ऐसी घटनाओं पर रोकथाम लगाने में केंद्र व राज्य सरकारों की विफलता पर कड़ी नाराजगी जताई थी।
