बंदर की मौत , डीजे के साथ निकली अंतिम यात्रा , रामधुन और भजनो को गाते-बिलखते श्मशान घाट तक पहुंचा पूरा गांव , नम आंखों से विदाई  

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राजगढ़ / मध्य प्रदेश के राजगढ़ में लोग उस समय हैरत में पड़ गए जब किसी इंसान की तरह एक बंदर की शवयात्रा निकली | इस शवयात्रा में शामिल लोग भजन-कीर्तन करते हुए श्मशान घाट की ओर बढ़ रहे थे | कई रोते बिलख रहे थे तो , कई इस बंदर का गुणगान कर रहे थे | बताया जाता है कि यह बंदर गांव में बेहद लोकप्रिय था | वो गांव वालों के साथ काफी घुलामिला था | लिहाजा उसकी शव यात्रा में प्रत्येक घर के लोग शामिल हुए | इस बंदर की मौत पर पूरा गांव रोया |

ग्रामीणों ने उसकी अंतिम यात्रा कुछ इस तरह निकाली मानो जैसे गांव के किसी व्यक्ति का निधन हो गया हो | गांव के कई घरों से लोगों के रोने की आवाजें आ रही थीं | मातम पसरा था | इस बीच ग्रामीणों ने इस बंदर की अर्थी सजाई | डीजे पर रामधुन के साथ बंदर की अंतिम यात्रा निकाली गई | राजगढ़ के राजपुरा इलाके में जब इस बंदर की शवयात्रा निकली तो राहगीरों ने भी उस अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये | शवयात्रा में शामिल दीनानाथ के मुताबिक इस बंदर का आकस्मिक निधन हो गया | उन्होंने बताया कि यह बंदर गांव में सबके यहां घूमता रहता था | वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता था , यह बंदर धार्मिक किस्म का था | इससे लोगों का जुड़ाव उसके साथ हो गया था |

उनके मुताबिक गांव के लोग उसे परिवार के एक सदस्य की तरह मानते थे | उन्होंने बताया कि यह बंदर एक मंदिर में निवासरत था | वह मंदिर आने जाने वाले लोगों से भी रोजाना मेल मुलाकात करता था | इसलिए उसका अंतिम संस्कार हिन्दू रीती रिवाज से किया गया | ग्रामीणों ने इस बंदर की हिंदू रीति रिवाज के माध्यम से शव यात्रा निकाली | ‘रघुपति राघव राजा राम सबको सन्मति दे भगवान’ जैसे भजनों को गाते यह शवयात्रा स्थानीय शमशान घाट पहुंची | शवयात्रा में पुरुषों के अलावा बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों ने भी उसे अंतिम विदाई दी |