कोरोना काल में पथरी के मरीजों में जबरदस्त इजाफा, इम्यूनिटी बढ़ाने वाली दवाइयों और खट्टे फलों से पथरी का खतरा बढ़ा, डॉक्टरों ने इन 6 चीजों से सावधान रहने की दी सलाह

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नई दिल्ली / कोरोना काल में किडनी स्टोन यानी पथरी से ग्रसित कई मरीज सामने आ रहे है। आमतौर पर पेट में जबरदस्त दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टरों के चक्कर काट रहे ज्यादातर मरीजों के पेट में एक या एक से अधिक पथरी पाई गई है। पीड़ितों के मुताबिक पथरी का दर्द बर्दाश्त से बाहर होता है और ये उनकी हालत खराब करने में पर्याप्त है। डॉक्टरों के मुताबिक नमक और शरीर के दूसरे खनिज जब एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं तो पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है। उनके मुताबिक इसका कोई निश्चित आकार भी नहीं होता है।

रायपुर के प्रसिद्ध लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉक्टर कमलेश्वर अग्रवाल के मुताबिक, इंसान के शरीर में चार तरह की पथरी हो सकती है | इन्हें कैल्शियम स्टोन, स्ट्रुवाइट स्टोन, यूरिक एसिड स्टोन और सिस्टाइन स्टोन कहा जाता है। उनके मुताबिक अक्सर खाने-पीने की कुछ चीजों से पथरी बनने की संभावना होती है। लेकिन इन दिनों इम्युनिटी बढ़ाने का दावा करने वाले कई टॉनिक, दवाये और फलों से भी किडनी स्टोन का खतरा पैदा हो गया है। डॉक्टर कमलेश्वर अग्रवाल बताते है कि कोरोना काल में इम्युनिटी बढ़ाने वाले कई तत्व और दवाये इन दिनों बाजार में उपलब्ध है। इनमे मिलने वाले रसायनों के मानक स्तर और गुणवत्ता की जाँच बेहद जरुरी है।

उनके मुताबिक अमानक स्तर के इम्युनिटी बूस्टर से भी पथरी का खतरा हो गया है। डॉक्टर के मुताबिक कोरोना काल से पूर्व की तुलना में मौजूदा समय पथरी से ग्रसित मरीजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। ज्यादातर मरीजों को इम्युनिटी बूस्टर और दवाओं के इस्तेमाल के बाद पथरी की समस्या सामने आई है। डॉक्टर बताते है कि बाजार में फलों को प्राकृतिक रूप से सुरक्षित रखने और पकाने के बजाये केमिकल के इस्तेमाल से भी पथरी का खतरा बढ़ा है। डॉक्टर कमलेश्वर अग्रवाल ने पथरी से बचने के तरीके बताये हैं।

उनके मुताबिक एनिमल प्रोटीन से लोगों को बचना चाहिए। उनके मुताबिक जानवरों से मिलने वाला प्रोटीन शरीर में कैल्शियम ऑक्सेलेट, कैल्शियम फॉसफेट और यूरिक एसिड स्टोन का खतरा बढ़ाता है। इसलिए खाने में जानवरों से मिलने वाले प्रोटीन की क्वांटिटी को कम रखनी चाहिए। उनके मुताबिक मांस, अंडा, मछली, दूध और पनीर की बजाए फलीदार सब्जियां, दाल, मूंगफली या सोया फूड से प्रोटीन की पूर्ति करना अच्छा विकल्प माना जाता है। 

उन्होंने अधिक सोडियम के इस्तेमाल से भी बचने की सलाह दी है। डॉक्टर अग्रवाल ने कहा कि भोजन में सोडियम की बहुत अधिक मात्रा खतरनाक साबित हो सकती है। उन्होंने बताया कि जंक फूड, डिब्बा बंद खाना और नमक के बहुत अधिक सेवन से बचना चाहिए | कैन सूप आदि में भी बहुत ज्यादा सोडियम होता है, इसलिए ऐसे डिब्बा बंद प्रोडक्ट्स का सेवन से बचना चाहिए। किडनी की समस्या से राहत पाने के लिए आंवला, अनार और सेब का सिरका जैसी चीजों से निर्मित प्रोडक्ट को फायदेमंद माना गया है। हालाँकि उनका मानक स्तर मेडिकल गाइडलाइन के तहत हो। 

पथरी की समस्या का सामना कर रहे मरीजों को डॉक्टर ने ऑक्सलेट वाली चीजें न खाने की सलाह दी है। इसमें पालक, साबुत अनाज, क्रैनबैरी, शकरकंद और चॉकलेट आदि शामिल है। उनके मुताबिक इन चीजों में ऑक्सलेट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। हालाँकि मरीजों को ज्यादा टमाटर खाने से भी बचना चाहिए। टमाटर में ऑक्सलेट पाया जाता है। टमाटर के बीज, बैंगन के बीज, कच्चा चावल, उड़द और चने का अधिक सेवन करने से स्टोन की समस्या बढ़ सकती है। कोल्ड ड्रिंक से भी दूर रहें। इसमें मौजूद फॉस्फोरिक एसिड स्टोन के खतरे को और बढ़ाता है।  

डॉक्टर कमलेश्वर अग्रवाल के मुताबिक इन दिनों कोरोना से बचाव के लिए विटामिन सी और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले कई रसायनों की ओर लोग ज्यादा आकर्षित हो रहे है। इसमें विटामिन-सी या साइट्रिक फ्रूट, खट्टे फलों का ज्यादा इस्तेमाल होता है। उन्होंने बताया कि विटामिन सी के अधिक सेवन से भी स्‍टोन बनता है। इसलिए लोगों को इन फलों से बने प्रोडक्ट्स कम खाने की सलाह दी जाती है।  उन्होंने बताया कि इन दिनों खासतौर से बाजार में बिकने वाले पैकेट बंद ऑरेंज जूस का तो बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए। 

डॉक्टर कमलेश्वर अग्रवाल ने बताया कि किडनी स्टोन की समस्या से बचने के लिए उसका डिटॉक्सीफिकेशन जरूरी है। उनके मुताबिक किडनी को नेचुरल तरीके से डिटॉक्सीफाई करने के लिए आपको खूब पानी पीना चाहिए। उन्होंने कहा कि भोजन में आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से किडनी स्टोन की समस्या से बचा जा सकता है। 

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