अब सरकार और किसान आमने-सामने , 14 दिसंबर को भूख हड़ताल पर बैठेंगे किसान , मोदी के किसानों के हक में एलान के बावजूद यूनियन ने कहा- संशोधन मंजूर नहीं , तकरार की नौबत के बीच सरकार की दलील – बातचीत से निकलेगा रास्ता  

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नई दिल्ली / किसानों के आंदोलन का आज 18 वां दिन है। एक दिन पहले पीएम मोदी ने नए कानून को किसानों के हितों के लिए बेहतर बताते हुए कहा कि इससे किसान और देश समृद्ध बनेगा | कृषि की अड़चने दूर होगी और सुधारों से किसानों को नया बाजार मिलेगा | उन्हें नई तकनीक का फायदा मिलेगा | लेकिन किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए अपने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है | किसानों के रुख से सरकार और किसान यूनियन के बीच तकरार की स्थिति निर्मित हो रही है | सरकार संशोधन के लिए तो तैयार है , लेकिन बिल वापसी के लिए नहीं | सरकार को यकीन है कि कांग्रेस समेत कई विरोधी दल किसानों को आंदोलन के लिए भड़का रहे है | लिहाजा केंद्र सरकार इस मामले को लेकर फूंक फूंककर कदम रख रही है | कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि बातचीत से ही इस समस्या का हल निकलेगा | 

उधर केंद्र सरकार से बातचीत ना बनने के बाद जहां एक तरफ किसानों नेदिल्ली-जयपुर और दिल्ली-आगरा हाईवे को बंद करने का ऐलान किया है तो वहीं दूसरी तरफ किसानों ने देशभर के सभी टोल नाकों को भी टोल-फ्री करने की घोषणा की है। किसान नेताओं ने कहा कि हमने आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया है। 14 दिसंबर को यूनियन के नेता ‘भूख-हड़ताल’ पर बैठेंगे। अगर सरकार बातचीत करना चाहती है तो हम तैयार हैं।

शनिवार को भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति से जुड़े लोग सिर मुंडवाकर नोएडा में सांसद डॉ. महेश शर्मा के कैलाश हॉस्पिटल का घेराव करने के लिए पहुंचे, जहां किसानों ने सांसद डॉ. महेश शर्मा को ज्ञापन सौंपा। इधर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मुझे विश्वास है कि अधिकांश किसान कानूनों के साथ खड़े हैं, उनमें से कुछ के पास कुछ आरक्षण थे जो बातचीत के माध्यम से हल किए गए थे। एक बिंदु डालने के बाद तालिका छोड़ने से कोई हल नहीं निकलता है, जिससे पता चलता है कि शायद आंदोलन उनके हाथ से निकल गया है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सबका विश्वास रहता है कि हमारे लीडर हमारा ध्यान रखेंगे पर शायद यहां ऐसे लीडर हैं ही नहीं। ऐसा डर का माहौल इन नक्सल लोगों ने बना दिया है कि जो किसान नेता असल मुद्दों की बात करना भी चाहते हैं तो किसी में हिम्मत ही नहीं बन पा रही है क्योंकि ये डरा देते हैं।  बता दें कि शनिवार को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। इससे पहले वे रक्षा मंत्री से मिले थे। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच किसान आंदोलन पर चर्चा हुई है।