कोंडागांव / जिले के बड़ेराजपुर विकासखंड के मारंगपुरी गांव में एक धनीराम नामक किसान ने फांसी लगाकर कर आत्महत्या कर ली | वह करीब 100 क्विंटल धान बेचने की तैयारी में था, पर सरकारी रिकॉर्ड में जमीन का रकबा एकदम से घट जाने से केवल 11 क्विंटल धान बेचने का ही टोकन कटा। उस पर कोऑपरेटिव बैंक का 61932 रुपए कर्ज भी था। ग्रामीण किसान की आत्महत्या के पीछे बैंक के कर्ज का दबाव और मात्र 11 क्विंटल धान बेचने के टोकन को मुख्य कारण बता रहे हैं।
अब इस मामले में कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने बड़ी कार्रवाई की है | कलेक्टर ने संबंधित पटवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है | इसके साथ ही तहसीलदार को शोकॉज नोटिस जारी किया है | कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व केशकाल से किसान आत्महत्या के संबंध में त्वरित जानकारी मांगी थी. जांच में पता चला कि धनीराम के 2.713 हेक्टेयर भूमि पर धान बोया गया था, लेकिन गलती से 0.320 हैक्टेयर में धान की प्रविष्टि हो गई थी | जिससे वह मानसिक रूप से परेशान था |
धनीराम की पत्नी सुमित्रा के मुताबिक उनका 6.70 एकड़ का भूमि स्वामित्व पट्टा है। इस हिसाब से करीब 100 क्विंटल धान बेचने की तैयारी थी। वह कई जगह से उधार ले रखे थे। व्यापारियों के पास भी खाद बीज का कर्ज था, जिससे जिससे उनके पति काफी परेशान थे। अपने रिश्तेदार प्रेमलाल नेताम को टोकन कटाने में भेजा था तब पता चला कि 11 क्विंटल धान ही बेच सकेंगे। इसके चलते वह मानसिक तनाव में आ गया व कर्ज के बोझ से इतना विचलित हो गया कि दूसरे दिन खेत जाने के की बात करते घर से निकल खेत के बगल में ही पेड़ पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली।