मुंबई / अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर ने मंगलवार को शिवसेना का दामन थाम लिया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुईं। साल 2019 में कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा था और बाद में पार्टी छोड़ी दी। उन्होंने कांग्रेस की मुंबई इकाई के कामकाज के तरीकों को लेकर पार्टी छोड़ी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस में उन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं दी जा रही थी, जिसके चलते पांच महीनों में ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ी दी थी।
अब सवाल यह है कि उर्मिला मातोंडर को शिवसेना में शामिल कराने के पीछे का मकसद क्या है। इस सिलसिले में जानकार बताते हैं कि शिवसेना एक ऐसे चेहरे को पार्टी में शामिल करना चाहती थी जिसकी हिंदी, अंग्रेजी और मराठी तीनों पर अच्छी पकड़ हो। इस लिहाज से उद्धव ठाकरे के लिए वो मुफीद नजर आ रही थीं। नाराजगी जताने के बाद उर्मिला मातोंडकर कांग्रेस से अलग हो चुकी थीं।
हाल ही में जिस तरह से सुशांत सिंह राजपूत के मुद्दे पर कंगना रनावत मुखर होते हुए शिवसेना पर हमलावर थीं। खास तौर से जब उन्होंने मुंबई की चुलना पीओके से की उस वक्त उर्मिला मातोंडकर ने कंगना की लानत मलानत की। यह वो समय था जब कांग्रेस और एनसीपी दोनों मुखर होकर अपने गठबंधन के चेहरे के लिए खुलकर सामने नहीं आ रहे थे।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उर्मिला को शिवसेना विधान परिषद में भेजना चाहती है। पिछले दिनों राज्यपाल कोटे से विधान परिषद में नियुक्त किए जाने वाले 12 सदस्यों के नाम की सूची में महाविकास अघाड़ी सरकार ने राज्यपाल भगत सिंह कोशयारी को बंद लिफाफे में सौंपी थी। बताया जा रहा है कि उर्मिला को अपने कोटे से उम्मीदवार बनाया गया है। हराया था।