लखनऊ / लोगों को उनके घरों का सपना दिखाने फिर उनसे उस घर की पूरी कीमत लेने के बाद अचानक गायब हो जाने वाले एक बिल्डर को एयरपोर्ट से धर दबोचा गया है | एक रियल इस्टेट कंपनी के इस उपाध्यक्ष को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उस समय हिरासत में लिया गया, जब वो लंदन जाने की तैयारी में था। बताया जाता है कि एयरपोर्ट में कुछ पीड़ितों की निगाहे जब इस बिल्डर पर पड़ी तो उन्हें उसके भाग निकलने की आशंका हुई | उन्हें यह जानकारी में था कि इस बिल्डर के खिलाफ लुकआउट नोटिस एलओसी जारी किया गया था | पीड़ितों ने फ़ौरन इसकी जानकारी पुलिस और आव्रजन अधिकारियों को दी | उधर वक़्त गंवाए बगैर सरकारी एजेंसियां हरकत में आई | इस बिल्डर को मौके पर ही रोक लिया गया | इसके बाद उत्तरप्रदेश पुलिस के हवाले किये जाने की खबर है | बताया जा रहा है कि बिल्डर को गिरफ्तार कर लखनऊ भेजा गया है |
उधर एसएसपी कलानिधि नैथानी ने न्यूज़ टुडे से कहा कि इस बिल्डर के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने बताया कि आरोपी बिल्डर ने न केवल गरीबों को ठगा है, बल्कि अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी धोखा दिया है। एसएसपी नैथानी ने कहा कि बिल्डर खुद के खिलाफ एलओसी नोटिस जारी होने को लेकर अनभिज्ञता जाहिर कर रहे थे | उनके मुताबिक वो देश छोड़कर भागने की फिराक में था। उन्होंने बताया कि आरोपी को आपराधिक विश्वासघात, ठगी और धोखाधड़ी सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में हिरासत में लिया गया है। उनके मुताबिक आरोपी बिल्डर के विरुद्ध विभूतिखण्ड थाने में 406, 420, 467, 468, 471, 504, 506 की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
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उधर आरोपी रियल स्टेट कारोबारी की गिरफ्तारी पर उसकी कंपनी ने सफाई दी है | कंपनी की ओर से कहा गया है कि वह देश से नहीं भाग रहे थे। उनके मुताबिक शुक्रवार को उनकी लंदन से वापसी थी। कंपनी के प्रवक्ता के मुताबिक, बिल्डर खिलाफ लुकआउट नोटिस तीन एफआईआर पर आधारित है, जिनमें से एक को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया और अन्य दो केस शिकायतकर्ता के साथ सुलझा लिए गए हैं। सफाई में यह भी कहा गया है कि समझौते का दस्तावेज हाईकोर्ट और पुलिस के पास भी जमा करवा दिया गया है। इसके बावजूद एलओसी अब भी वापस नहीं हुआ। हम खरीदारों से बाकी के विवाद भी हल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।