लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह चुनाव हार गए हैं । प्रचार के दौरान मिर्ची बाबा उर्फ स्वामी वैराग्यानंद ने वादा किया था कि अगर दिग्विजय सिंह चुनाव नहीं जीते तो हम जिंदा समाधि ले लेंगे । दिग्विजय सिंह की हार के बाद सोशल मीडिया पर मिर्ची बाबा की खूब खोज हो रही है । लेकिन मिर्ची बाबा उर्फ वैराग्यानंद की कोई खोज खबर नहीं है । मिर्ची दिग्विजय सिंह की हार के बाद कभी मीडिया के सामने भी नहीं आए । सोशल मीडिया पर तो लोग उन्हें ऐसे ढूंढ रहे हैं, जैसे मिर्ची बाबा ने कोई बड़ा अपराध किया हो । फोन पर मिर्ची बाबा से एक युवक ने पूछा था कि आप संत होकर झूठ बोलते हैं, बताइए समाधि कब लेंगे । मिर्ची बाबा ने जवाब दिया जरूरी है क्या ।
राजस्थान बीजेपी के उपाध्यक्ष देंगे इनाम
उसके बाद से कई यूजर्स ने मिर्ची बाबा के फोन ट्राइ किए, लेकिन बाबा के फोन नहीं लगे । अब बाबा पर इनाम घोषित हो गया है । यह ऐलान कोई और नहीं राजस्थान बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा ने किया है । ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि वैराग्यानंद उर्फ मिर्ची बाबा को पकड़कर लाने वाले को पांच लाख रुपये का इनाम दूंगा । बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि मैं बाबा को अग्नि के हवन कुंड में समाधि दिला दूंगा । ज्ञानदेव आहूजा ने यह भी कहा कि मिर्ची बाबा को बस एक बार पकड़ कर ले आएं, बाकी इसे हम समाधि दिलाने का काम हम सब करवा लेंगे ।
मिर्ची बाबा उर्फ वैराग्यानंद उस वक्त चर्चा में आए थे जब भोपाल में दिग्विजय सिंह के लिए पांच मई को पांच क्विंटल लाल मिर्ची से हवन करने का एलान किया तह । बाबा ने यह दावा किया था कि दिग्विजय सिंह को कई हरा नहीं सकता है । अगर दिग्विजय सिंह हार गएं तो मैं वैराग्यानंद जिंदा समाधि ले लूंगा । चुनाव नतीजे आने के बाद से बाबा गायब हैं । मिर्ची बाबा ने भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा को हराने का प्रण लिया था । दिग्विजय सिंह के पक्ष में आकर वैराग्यानंद ने कहा था कि साध्वी संत नहीं हैं । मैं उन्हें हराने के लिए घर-घर जाकर कैंपने करूंगा । साध्वी प्रज्ञा भोपाल से अब चुनाव जीत गए हैं । मगर मिर्ची बाबा का कोई मंत्र काम आया उल्टा उन्हें फरार होना पड़ा |
अखाड़े ने निकाला
वैराग्यानंद उर्फ मिर्ची बाबा निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर थे। उनके इस कृत्य के लिए अखाड़े ने भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है । अखाड़ा की तरफ से कहा गया था कि संतों का काम इस तरह के दावे करने का नहीं है । मिर्ची बाबा ने ऐसा कर अखाड़ा को बदनाम किया है ।