रायपुर / छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड अक्सर सुर्ख़ियों में रहता है | कभी भ्रष्टाचार के मामलों में तो कभी कायदे कानूनों की धज्जियाँ उड़ा कर अधिकारियों की मनमानी को लेकर | पूरवर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में अपने इन्ही दोनों कारणों से यह सुर्ख़ियों में रहा है | लेकिन ये पुरानी दास्तान अभी भी नई इबारते लिख रही है | दरअसल छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड जिस पुराने ढर्रे पर चल रहा था, आज भी उसी तर्ज पर संचालित हो रहा है | जबकि माना जा रहा था कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद इसके चेहरे मोहरे में भी परिवर्तन होगा | लेकिन ऐसा नजर नहीं आता | अब तो हालात और बिगड़ते नजर आ रहे है, जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों यहाँ लोगों के आशियाने के साथ साथ राजनीति का अखाडा भी निर्मित होगा | ताजा मामला इसके चेयरमैन कुलदीप जुनेजा से जुड़ा है |
यूँ तो अपनी लोकप्रिय छवि और जनोपयोगी कार्यप्रणाली के कारण उनका नाम लोगों की जुबान पर रहता है | लेकिन इन दिनों इस जन प्रतिनिधि को सबक सिखाने का अजीबों गरीब फरमान हाउसिंग बोर्ड के अफसरों को दिया गया है। उन्हें निर्देशित किया गया है कि चेयरमैन जो भी आदेशित निर्देशित करे, बस नो सर कह दीजिये | हाउसिंग बोर्ड के अफसरों की इस कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान लगने लगा है | लोग पूछने लगे है कि सरकारी कामकाज के बजाये क्या यहाँ अफसरों को राजनैतिक दावपेचों की कोई शिक्षा तो नहीं दी जा रही है ? पहला मामला उस कल्याण सिंह नामक ठेकेदार से जुड़ा हुआ है, जो लंबे अरसे से कांग्रेस का समर्थक बताया जाता है।
इस ठेकेदार को नियमानुसार कार्य देने के लिए चेयरमैन कुलदीप जुनेजा ने सिफारिश की थी | लेकिन अफसरों ने इस सिफारिश को ना केवल रद्दी की टोकरी में डाल दिया, बल्कि उस कार्य को ही निरस्त कर दिया | ठीक उसी तर्ज पर जैसे की सांप भी मर जाये और लाठी भी ना टूटे | बताया जाता है कि इस ठेकेदार को रायपुर के शांति नगर और डूमरतराई इलाके में निर्माणाधीन कार्यों में सहभागी बनाने की सिफारिश कुलदीप जुनेजा ने की थी | लेकिन आयुक्त ने उक्त दोनों कार्यों को ही निरस्त कर कामकाज ठप्प कर दिया |यही नहीं विकास को गति देते हुए छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने डूमरतराई इलाके में दुकानों के निर्माण की योजना को मूर्त रूप दिया था | इसके साथ ही धर्मपुरा में EWS के तहत निर्मित होने वाले 350 मकानों के निर्माण की मंजूरी दी गई थी |
चेयरमैन कुलदीप जुनेजा ने इन दोनों ही कार्यों को समय पर पूरा करने का ऐलान किया | उन्होंने जरूरतमंदों के लिए कुछ घोषणाएं भी की | लेकिन जैसे ही यह घोषणा आयुक्त के कानों में पड़ी | उन्होंने फ़ौरन इन दोनों कार्यों को ही निरस्त कर दिया | इसके लिए हवाला दिया गया कि लोगों की इसकी जरुरत नहीं है |रायपुर में पुरैना स्थित विधायक कॉलोनी की अप्रोच रोड के मामले को लेकर भी चेयरमैन को आईना दिखाया गया | बताया जाता है कि विधायक कॉलोनी की आवाजाही के लिए उचित मार्ग अभी तक उपलब्ध नहीं कराया जा सका है | जबकि विधानसभा में कई बार पूर्व और वर्त्तमान सरकार के कार्यकाल में यह मुद्दा सरगर्म रहा | जानकारी के मुताबिक विधायक कॉलोनी की आवाजाही के लिए VIP रोड स्थित क़्वींस क्लब की जमीन उपलब्ध कराई गई थी | लेकिन निजी व्यक्तियों को फायदा पहुंचाने के लिए तत्कालीन अफसरों ने भू माफिया जैसा रोल किया | उन्होंने आवाजाही मार्ग पर क़्वींस क्लब का निर्माण कराया और निजी जमीन की गैर क़ानूनी रूप से अदला बदली की |
इस मामले में स्थानीय पुलिस ने हाउसिंग बोर्ड के तत्कालीन कार्यपालन अभियंता और मौजूदा अपर आयुक्त हेमंत कुमार वर्मा के खिलाफ न्यायलय के आदेश पर धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में अपराध दर्ज किया था |इस मामले में आरोपी एच के वर्मा की जमानत हाई कोर्ट बिलासपुर पहले ही ख़ारिज कर चूका है | बताया जाता है कि चेयरमैन ने नियमानुसार विधायक कॉलोनी की रोड – रास्ते निर्माण के निर्देश दिए थे | लेकिन आयुक्त ने गलत जानकारी देकर मामले को लंबित रखने का फरमान सुना दिया |हद तो तब हो गई जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन में दौरे के बाद कुलदीप जुनेजा ने गरीबो के लिए EWS योजना के तहत मकान और दुकान निर्माण के निर्देश दिए थे | ताकि इस इलाके के लोगों को छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड की योजनाओं का फायदा मिल सके |
बताया जाता है कि आयुक्त ने मद का आभाव बता कर इस योजना को सिरे से ख़ारिज कर दिया | जानकारी के मुताबिक कर्मचारियों के कल्याण से जुड़े विभिन्न मुद्दों, समस्यायों और विकास योजनाओं को लेकर चेयरमैन की मंशा पर पानी फेरने के लिए अधिकारियों की खासतौर पर तैनाती किये जाने की खबर है | बताया जा रहा है कि आयुक्त की विवादित कार्यप्रणाली के चलते छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड का कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। इन मामलों को लेकर न्यूज़ टुडे ने आयुक्त डॉ अयाज तंबोली से संपर्क किया | लेकिन उनका मोबाइल स्वीच ऑफ होने से प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई |