अब 8 नहीं बल्कि 12 घंटे तक रोजाना करना होगा काम, नया लेबर एक्ट तैयार, जल्द होगा लागू, ओवर टाइम और कई सुविधाओं की सिफारिश, केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने काम काज और वर्क कल्चर को जनहितैषी मान कर किये कई प्रावधान

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नई दिल्ली / अभी तक सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में सामान्य काम काज की अवधि 8 घंटे निर्धारित है | लेकिन अब इसकी अवधि 12 घंटे तक बढ़ाई गई है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने एक दिन में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है। पेशेवर सुरक्षा, स्वास्थ्य व काम करने की स्थिति कोड 2020 के तहत तैयार नियमों के ड्राफ्ट में यह प्रावधान पेश किया गया है, जिसमें काम के दौरान दिए गए इंटरवल को भी कामकाज के घंटों का हिस्सा माना गया है। ओएसएच कोड को इसी साल संसद ने मंजूरी दी थी।

कामकाज के घंटे बढ़ाए जाने के प्रस्ताव का कई लोग समर्थन कर रहे है | लेकिन कई बुजुर्गों और सेवा निवृति के करीब आयु वाले कर्मियों का इस मामले में आने वाले दिनों में विरोध देखने को मिल सकता है | काम के घंटे बढ़ाये जाने का सीधा असर उत्पादकता पर पड़ेगा | यही नहीं योजनाओं और नियमित कार्यों को लेकर आम जनता को लेकर भी कई तरह की परेशानियों से निजात मिलेगी | आम जनता को ज्यादा अवसर मिलेगा कि वे सरकारी दफ्तरों में अपना कार्य करा सके | दरअसल साल में लंबी छुट्टियों, हड़ताल और अन्य वजहों से काम के घंटों की बर्बादी देश में आम बात हो गई है | लेकिन अब देश में बदलते माहौल और प्रतिस्पर्धा के चलते काम काज की अवधि में बढ़ोत्तरी जरुरी बताई जा रही है |

संसद की तरफ से मंजूर किए गए ओएसएच कोड में एक दिन में कामकाज के अधिकतम 8 घंटे तय किए गए थे। लेकिन अब श्रम मंत्रालय ने 19 नवंबर को जारी ड्राफ्ट नियमों की अधिसूचना में अधिकतम साप्ताहिक कामकाज की सीमा 48 घंटे तय कर दी है | हालाँकि इस स्थिति में एक साप्ताहिक अवकाश के अतिरिक्त शेष छह दिन में अधिकतम कामकाज 8 घंटा प्रतिदिन ही बैठता है। यह नया लेबर कोड देश में मौजूदा 13 केंद्रीय श्रम कानूनों की जगह लेगा।

श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, देश के विभिन्न हिस्सों में जलवायु परिस्थतियों को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है। साथ ही इससे श्रमिकों को ओवरटाइम भत्ते के जरिये अतिरिक्त कमाई करने की भी अनुमति मिलेगी।उन्होंने कहा, हमने ड्राफ्ट नियमों में इस बात के पर्याप्त प्रावधान किए हैं, जिससे 8 घंटे से ज्यादा काम के लिए श्रमिकों को ओवरटाइम मिल सके।

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ओएसच कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है।ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने को प्रतिबंधित किया गया है। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम देने के निर्देश भी ड्राफ्ट नियमों में शामिल हैं। नया श्रम कानून देश में काम काज और निष्ठा को लेकर बेहतर बताया जा रहा है |