Friday, September 20, 2024
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एक शख्स ने सफाई कर्मी को दीपावली की गिफ्ट में दी मिठाई, जब घर जाकर डिब्बा खोला तो मिठाई के बजाये निकले 10 लाख रुपए, हैरत में कर्मी, फिर…..

नई दिल्ली  / कोरोना वायरस संकट के बीच दिल्ली से ईमानदारी की मिसाल पेश करती एक अच्छी खबर सामने आई है। मिठाई के डिब्बे में मिले 10 लाख रुपए लौटाकर ईमानदारी की मिसाल पेश करने वाली पूर्वी दिल्ली नगर निगम की महिला सफाई कर्मचारी को पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन आज निगम मुख्यालय स्थित अपने कार्यालय में सम्मानित करेंगे। दरअसल, कांति नगर वार्ड में नगर निगम की एक महिला सफाई कर्मचारी ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है। रोशनी नामक इस कर्मचारी को सुबह एक बुजुर्ग ने मिठाई की जगह नोटों से भरा थैला दे दिया। महिला जब घर लौटीं तो थैले को खोलकर देखा। उसमें दस लाख रुपये थे। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना वार्ड के सफाई अधीक्षक को दी। इसके बाद दोनों पार्षद कंचन महेश्वरी के कार्यालय में पहुंच गए। यहां बुजुर्ग को बुलाया गया और उन्हें उनके दस लाख रुपये वापस कर दिए गए। अपनी रकम पाकर साेनू नंदा काफी प्रसन्न हुए और उन्होंने रोशनी को 2100 रुपये का इनाम अपनी तरफ से दिया।

कंचन महेश्वरी ने कहा कि रोशनी ने उनके वार्ड के साथ पूर्वी नगर निगम का भी नाम रोशन कर दिया है। निगम के कर्मचारियों को हमेशा शक की दृष्टि से देखा जाता है। लेकिन, रोशनी ने साबित कर दिया है कि पूर्वी निगम में ईमानदार लोग भी काम करते हैं।  रिपोर्ट के मुताबिक मामला पूर्वी दिल्ली नगर निगम का है जहां काम करने वाली महिला सफाई कर्मचारी रोशनी देवी ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है। जानकारी के मुताबिक पूर्वी दिल्ली के निवासी सोनू नंदा ने दिवाली के अवसर पर सफाई कर्मचारी रोशनी को उपहार स्वरूप एक मिठाई का डिब्बा दिया, जब रोशनी ने घर पहुंच कर डिब्बे की जांच की तो उसमें से 10 लाख रुपए निकले। यह देख रोशनी समझ गईं कि बुजुर्ग ने गलती से अपना पैसा उन्हें दे दिया है। रोशनी ने बिना देर किए इसकी जानकारी सूचना वार्ड के सफाई अधीक्षक जितेंद्र को दी।
 

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इसके बाद दोनों पार्षद कंचन महेश्वरी के कांति नगर स्थित कार्यालय में पहुंच गईं। उधर, सोनू नंदा ने बताया कि उन्होंने मिठाई समझकर थैला रोशनी को दे दिया था। जब उनके बेटे ने थैले को खोजना शुरू किया तो उन्हें पता चला कि उसमें दस लाख रुपये थे। रोशनी का नंबर नहीं था तो वह भी परेशान हो गए। इस बीच पार्षद कार्यालय से उनके पास फोन आया। इसके बाद वह बेटे के साथ यहां पहुंच गए। अपनी रकम वापस पाकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।सोनू नंदा ने कहा कि रोशनी ने साबित कर दिया है कि ईमानदारी आज भी लोगों में है। इससे उनका विश्वास और प्रबल हो गया है। वहीं रोशनी ने कहा कि भले ही मेरे परिवार में दिक्कत हो। लेकिन मुझे एक पल भी ऐसा नहीं लगा कि ये पैसे मैं रख लूं। मुझे ऐसा लगा कि शायद इस पैसे की ज्यादा जरूरत उन बुजुर्ग को है। इसलिए मैंने वापस करने का प्रण लिया।

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