कोरोना रिसर्च में बड़ा खुलासा, 8 महीने से लेकर कई साल तक इम्यून रह सकते हैं कोरोना से बीमार हुए मरीज, स्वस्थ बने रहने के लिए सेहत से नहीं करना होगा कोई समझौता, वर्ना घातक साबित हो सकता है वक़्त

0
5

नई दिल्ली / कोरोना संक्रमित मामलों में की गई एक स्टडी में पता चला है कि कोरोना वायरस की इम्यूनिटी शरीर में कम से कम आठ महीने रहती है | स्टडी से यह भी मालूम हुआ है कि कोरोना वायरस सर्वाइवर्स कई साल तक दोबारा बीमार होने से बच सकते हैं | कैलिफोर्निया के ला जोल्ला इंस्टीट्यूट के रिसर्चर्स ने हाल ही में कोरोना को लेकर एक स्टडी पर गहन अध्ययन किया है| रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्चर्स का दावा है कि संक्रमण के कुछ महीने बाद व्यक्ति के शरीर में इम्यून सेल्स घटने लगते हैं, लेकिन बाद में भी ऐसे सेल्स की मात्रा इतनी रहती है जिससे व्यक्ति दोबारा बीमार होने से बच सके |

रिसर्चर्स का कहना है कि संभव है कि कई साल तक लोग दोबारा कोरोना से बीमार ना हों |हालाँकि कई ऐसे मामले भी देखे गए जब संक्रमण से ठीक हुआ व्यक्ति दोबारा कोरोना संक्रमित हो गया | इस तरह के अपवाद का कोई ठोस कारण अब तक सामने नहीं आया है | दरअसल कुछ स्टडीज में ये तथ्य भी सामने आया था कि करीब तीन महीने बाद ही कोरोना वायरस की एंटीबॉडीज शरीर में काफी अधिक घट जाती हैं |

लेकिन नई स्टडी न सिर्फ सर्वाइवर्स की उम्मीद बढ़ाने वाली है, बल्कि इससे वैक्सीन के लंबे वक्त तक प्रभावी होने की उम्मीद भी बनी रहेगी | ला जोल्ला इंस्टीट्यूट की स्टडी के दौरान न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया के 185 संक्रमित लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया. इनमें 92 फीसदी ऐसे लोग थे जिन्हें कोरोना का हल्का संक्रमण ही हुआ था और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी थी | विशेषज्ञों की राय है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने के बाद अपनी सेहत के प्रति ज्यादा सतर्क होने की जरुरत है | शरीर में इम्युनिटी बढ़ाने और स्वस्थ रहने के लिए ऐसे लोगों को सेहत से कोई समझौता नहीं करना चाहिए |

ये भी पढ़े :कांग्रेस की आपातकालीन बैठक आज शाम 5 बजे, पार्टी आलाकमान पर सीधे हमले के बाद सोनिया गाँधी ने बुलाई बैठक, बिहार और कई राज्यों में उप चुनाव में हुई करारी हार से मचा बवाल, बड़े फैसले के इंतज़ार में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता