नई दिल्ली / देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है | यह हकीकत है, लेकिन सरकारी आंकड़ों में संक्रमण की दर प्रतिदिन कम दर्ज हो रही है। चार महीने में पहली बार लगातार दो दिन 30-30 हजार संक्रमित मरीज मिले हैं लेकिन इसके पीछे वजह संक्रमण का कमजोर पड़ना नहीं बल्कि राज्यों में टेस्टिंग – जांच में आई कमी को बताया जा रहा है।
अधिकृत आंकड़ों के मुताबिक पिछले तीन दिनों में छह लाख जांच कम हुई है | नतीजतन कोरोना का ग्राफ गिरते नजर आया | रोज होने वाली जांच की स्थिति देखें तो पिछले तीन दिन में 6 लाख सैंपल की जांच कम हुई है। इतना ही नहीं पिछले 7 दिन की औसतन जांच देखें तो यह करीब आठ लाख के आसपास है जो दो माह में सबसे कम है। त्यौहार से पहले तक सप्ताह में रोज औसतन 11 लाख से अधिक सैंपल की जांच हो रही थी। जबकि 3 दिन में रोज 8 लाख सैंपल की जांच हुई है। कम जांच की वजह से नए संक्रमित मरीज भी कम सामने आए हैं।
संक्रमण दर पर गौर करें तो कोरोना की रफ़्तार पर ब्रेक के दावे झूठे नजर आ रहे है | टेस्टिंग और संक्रमण की दर में लगभग एक जैसे ही आंकड़े दिखाई दे रहे हैं। आईआईटी के पूर्व प्रोफेसर रिजोएम जॉन के मुताबिक भारत में रोजाना आठ लाख जांच तीन दिन से कराई जा रही है। उनके मुताबिक अगर सात दिन का औसत आंकड़ा देखें तो दो महीने में सबसे कम है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि अगर दिल्ली को लें तो यहां तीन दिन पहले तक रोज 60 हजार से भी अधिक जांच हो रही थी जिसमें 8 हजार संक्रमित मिल रहे थे। अभी जांच का आंकड़ा 29 से 30 हजार है। इसकी वजह से मरीजों की संख्या भी 50 प्रतिशत से कम है। पिछले 24 घंटे में दिल्ली में 29,000 जांच में 3700 संक्रमित मिले हैं इससे जाहिर है कि जांच कम होने से मरीजों की संख्या भी कम दिख रही है। उनके मुताबिक देश के तमाम राज्यों का भी यही हाल है | उन राज्यों में टेस्टिंग की रफ़्तार पर लगी ब्रेक से संक्रमण का आंकड़ा ठहराव की ओर दिखाई दे रहा है | विशेषज्ञ बताते है कि लोगों को अब और सतर्क रहने की जरुरत है | दरअसल टेस्टिंग कम होने के चलते कई संक्रमित लोगों के बीच संक्रमण फैला रहे है | वे बगैर लक्षणों वाले कोरोना संक्रमित हो सकते है | ऐसे में कोविड -19 के नियमों का कड़ाई से पालन जरुरी है | जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं होनी चाहिए |
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उधर राज्यों में भी कोरोना जांच कम कर दी गई है | इसके चलते कोरोना संक्रमितों की वृद्धि होना लाजमी है | दरअसल कुछ राज्यों में भले ही जांच का आंकड़ा कम हुआ है लेकिन कोरोना की वृद्धि दर पर असर नहीं दिख पड़ रहा है। हिमाचल, हरियाणा, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, केरल, पंजाब और दिल्ली में संक्रमण के मामले सबसे ज्यादा बढ़े हैं। वृद्धि दर क्रम से दो वह 1.4 फीसदी है। मिजोरम में 1.3, हरियाणा में 1.2 और लद्दाख व केरल में 1.1-1.1 प्रतिशत बढ़ोतरी रोजाना हो रही है। फ़िलहाल उम्मीद की जा रही है कि राज्यों में संक्रमण की रफ़्तार रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन को जाँच में तेजी लानी चाहिए | लोगों को स्वयं अपना टेस्ट कराने के लिए भी आना होगा |