कांग्रेस आलाकमान पर बिफरे वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल, बिहार चुनाव में करारी हार को लेकर आलाकमान की चुप्पी पर साधा निशाना, कहा – पार्टी के लिए हर हार सामान्य घटना, लगता है सब ठीक है, कांग्रेस पार्टी में फिर मच सकता है कोहराम

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नई दिल्ली / बिहार चुनाव में कमजोर प्रदर्शन के बाद कांग्रेस में एक बार फिर पार्टी आलाकमान पर उंगलियां उठना शुरू हो गई है | कोई इसे अंतर्कलह के रूप में ले रहा है तो तो कोई भविष्य में कांग्रेस के मजबूत प्रदर्शन के लिए रचनात्मक कदम के रूप में जरुरी बता रहा है | कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठाते हुए वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी नेतृत्व पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं। कपिल सिब्बल का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान को अब हर हार सामान्य घटना की तरह लगने लगी है। उन्होंने कहा कि ‘बिहार चुनाव और अन्य उपचुनावों में हालिया प्रदर्शन पर कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के विचार अब तक सामने नहीं आए हैं। शायद उन्हें लगता हो कि सब ठीक है और इसे सामान्य घटना ही माना जाना चाहिए।’

पत्रकारों से चर्चा करते हुए बिहार चुनावों में हुई हार पर सिब्बल ने कांग्रेस लीडरशिप को कटघरे में खड़ा किया | उन्होंने कहा कि ‘मैं सिर्फ अपनी बात कर रहा हूं। मैंने लीडरशिप को कुछ कहते नहीं सुना। इसलिए मुझे नहीं पता। मुझ तक सिर्फ नेतृत्व के इर्द-गिर्द के लोगों की आवाज पहुंचती है। मुझे सिर्फ इतना ही पता होता है।’ इसके पूर्व वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता तारिक अनवर बिहार हार पर ‘मंथन’ का आग्रह कर चुके है | सिब्बल ने तारिक अनवर के बयान का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि एक सहयोगी ने कांग्रेस के अंदर मंथन की उम्मीद जताई।

उन्होंने कहा, ‘अगर छह सालों में कांग्रेस ने आत्ममंथन नहीं किया तो अब इसकी उम्मीद कैसे करें? हमें कांग्रेस की कमजोरियां पता हैं। हमें पता है सांगठनिक तौर पर क्या समस्या है। मुझे लगता है कि इसका समाधान भी सबको पता है। कांग्रेस पार्टी भी जानती है, लेकिन वो इन समाधान को अपनाने से कतराते हैं। अगर वो ऐसा करते रहेंगे को ग्राफ यूं ही गिरता रहेगा। यह कांग्रेस की दुर्दशा की स्थिति है जिससे हम सब चिंतित हैं।’ बिहार चुनाव के परिणामों के बाद तारिक ने कहा था कि पार्टी के अंदर इस हार पर मंथन होना चाहिए। उधर महागठबंधन की राजद और लेफ्ट पार्टियां पर भी लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही हैं। उनका आरोप है कि कांग्रेस की वजह से ही वे सत्ता से बाहर हो गए |

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पार्टी के प्रदर्शन और बेहतरी से जुड़े एक सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता सिब्बल ने कहा कि ‘सबसे पहले तो हमें संवाद की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। हमें गठबंधन की जरूरत है और हमें जनता तक पहुंचने की भी आवश्यकता है। हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि जनता हमारे पास आएगी। हम उस तरह की ताकत नहीं रहे, जैसे कि कभी हुआ करते थे। हमें उन लोगों तक पहुंच बनानी होगी, जिन्हें राजनीतिक अनुभव है। लेकिन इस कवायद के लिए सबसे पहले विचार-विमर्श करना जरूरी है। सिब्बल ने सीडब्ल्यूसी को लोकतांत्रिक बनाने पर भी जोर दिया |