दिवाली की सफाई में तीस लाख कचरे में, कबाड़ के सामानों और कचरे के साथ सोने के गहनों से भरा पर्स कचरा वैन में फेंका गया, कचरा वैन सोना भरकर गली कूचो में दौड़ती रही, फिर उसकी खोजबीन में सड़कों पर हाथ – पैर मारता रहा परिवार, आखिरकार….

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पिंपरी चिंचवाड़ / दीपावली में एक परिवार के साथ दीवाला निकलने जैसी घटना सामने आई | इस परिवार ने लगभग 30 लाख के सोने के गहने कचरे की गाड़ी में फेंक दिए | कचरा इकठ्ठा करने वाला सरकारी वाहन सोने के गहनों को लेकर आम सड़कों में कचरा इकठ्ठा करता रहा | नगर पालिका के कर्मी इस बात से बेखबर थे कि उनकी गाड़ी में लाखों के गहने पड़े है | घटना पिंपरी चिंचवाड़ की है | यहाँ घर में साफ़ सफाई के दौरान एक 45 वर्षीय महिला ने उस समय अपने गहनों से भरे बैग को कबाड़ में फेंक दिया, जब वो दिवाली से पूर्व घर की सफाई में जुटी थी | इस महिला ने घर में रखे पुराने सामानों को एक जगह रख दिया | ये सभी सामान कबाड़ और कचरे में तब्दील हो चुके थे | साफ़ सफाई के दौरान इस महिला ने एक पुरानी अलमारी से एक खस्ता हाल पर्स भी निकाला | साफ़ सफाई के दौरान बगैर परखे उस बैग को महिला ने कचरे में फेंक दिया | बताया जाता है कि शाम को जब कचरा उठाने वाली पिकअप वैन इस घर के सामने आई तो महिला ने घर का सारा कचरा उस गाड़ी में डाल दिया | इस गाड़ी में पहले से ही भारी भरकम कचरा पड़ा था | इसके बाद यह वैन मौहल्ले के अन्य घरों का कचरा इकठ्ठा कर डम्पिंग ग्राउंड में गिरा आई | डम्पिंग ग्राउंड में पहले से ही कई टन कचरा जमा था।

उधर महिला का बेटा शाम को जब घर लौटा तो साफ सफाई देखकर वो खुश हो गया | इसी दौरान उसने उस पुरानी अलमारी पर नज़रे फेरी जिसमे कई दस्तावेज और गहने रखे थे | बेटे के होश उस वक़्त फाख्ता हो गए जब उसने गहनों वाले बैग के बारे में अपनी माँ का जवाब सुना | उसकी माँ ने बताया कि एक गंदा टूटा – फूटा बैग उसने कचरे और कबाड़ के साथ पिकअप वैन में फेंका था | उसकी माँ ने यह भी बताया कि साफ़ सफाई के दौरान थकावट और तनाव के चलते उसने उस बैग को टटोलने की कोशिश नहीं की | यह महिला उस बैग में रखे गहनों को कचरे में फेंक दिए जाने से पछता रही थी | दरअसल उसने प्राइवेट जॉब में कार्यरत अपने बेटे की शादी के लिए इन गहनों को इकठ्ठा किया था |

इधर पीड़ित महिला के बेटे ने घटना की सूचना स्थानीय पुलिस और नगर निगम के अफसरों को दी | इसके साथ ही पीड़ित परिवार उस कचरा इकठ्ठा करने वाली पिकअप वैन की खोजबीन में देर रात तक जुटा रहा | वही नगर निगम के अफसरों ने पता लगाया कि किस वक्त यह पिकअप वैन इस इलाके में पहुंची थी | वैन में तैनात सफाईकर्मियों की पहचान कर जानकारी इकठ्ठा की गई | दूसरे दिन सुबह पीड़ित परिवार डम्पिंग ग्राउंड पहुंचा | यहाँ सफाईकर्मियों ने उनकी मदद की | कचरे के अम्बार में उस बैग को ढूंढने की कवायत शुरू हुई | मौके पर कचरे के पहाड़ को देखकर पीड़ित परिवार हैरत में पड़ गया | दरअसल यहाँ से किसी पर्स को ढूंढ निकालना समुन्दर से सुई निकालने की तरह था | दरअसल मौके पर कई महीनों का पूरे शहर का कचरा इकठ्ठा था |

इस दौरान 18 टन कूड़े कचरे के ढेर से उस कबाड़ की खोजबीन शुरू हुई | हेमंत नाम के सफाई कर्मी ने आखिरकार एक दिन पहले डाले गए कचरे और वहां आई वैन की लोकेशन के आधार पर उस बैग को ढूंढ निकाला |

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सफाईकर्मी हेमंत ने ईमानदारी के साथ उस बैग को पीड़ित परिवार के हवाले कर दिया | यह महिला पर्स देखकर फूले नहीं समाई | पीड़ित परिवार ने अपने गहने पाने के बाद हेमंत को इनाम देना चाहा तो हेमंत ने उसे लेने से इनकार कर दिया | इस शख्स ने बताया कि उसे नगर निगम से 18,000 रुपए मासिक वेतन मिलता है | उसने इस दौरान अपनी ड्यूटी को ही अंजाम दिया है | लिहाजा वो कोई भी गिफ्ट या रकम स्वीकार नहीं करेगा | सोशल मीडिया पर हेमंत लखन की ईमानदारी और ड्यूटी के प्रति निष्ठा की चर्चा हो रही है | बताया जाता है कि हेमंत एक भजन मंडली से जुड़ा है और समय निकाल कर मंदिरों में भजन कीर्तन करता है |