धनतेरस पर क्यों खरीदी जाती है झाड़ू? जानिए इसके पीछे की प्रमुख वजह और इससे जुड़ी मान्यताएं 

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नई दिल्ली / धनतेरस का पवित्र त्योहार इस बार शुक्रवार यानी 13 नवंबर को मनाया जाएगा | धनतेरस पर भगवान धनवंतरि, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा-अर्चना की जाती है |  धनतेरस से ही दीपों के त्योहार दिवाली की शुरुआत हो जाती है | यह त्योहार प्रमुख तौर पर भगवान धनवंतरि को समर्पित होता है | धनतेरस का दिन खरीदारी के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है | सोना, चांदी और पीतल के बर्तन खरीदने के साथ ही इस दिन झाड़ू खरीदने की भी परंपरा है | आइए जानते हैं कि आखिर धनतेरस के दिन झाड़ू क्यों खरीदी जाती है?

दरअसल झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है | ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है | अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान है तो धनतेरस के दिन झाड़ू जरूर खरीदें | इसके अलावा यह भी प्रथा है कि जब भी घर में झाड़ू लाएं तो उस पर सफेद रंग का धागा बांध दें, जिससे मां लक्ष्मी आपके घर में बनी रहें | 
माना जाता है कि झाड़ू से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और घर में सकारात्मकता का संचार होता है |

झाड़ू को घर में सुख समृद्धि का कारक भी माना जाता है | इसलिए धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है | धनतेरस के दिन जब भी झाड़ू खरीद कर लाएं तो उसे फर्श पर लिटाकर रखें | झाड़ू को खड़ा रखना अपशकुन माना जाता है | झाड़ू को हमेशा घर के कोने में छिपाकर रखा जाता है | झाड़ू पर पैर नहीं रखना चाहिए |  माना जाता है कि ऐसा करने से लक्ष्‍मी मां रुष्‍ट हो जाती हैं | माना जाता है कि झाड़ू का आदर करने पर महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं | 

कभी भी घर में उल्टा झाड़ू नहीं रखना चाहिए | कहते हैं इससे घर में कलह बढ़ती है | झाड़ू को कभी भी घर से बाहर या फिर छत पर नहीं रखना चाहिए |  कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में चोरी होने का भय उत्पन्न होता है  | इस साल धनतेरस का त्योहार शुक्रवार यानी 13 नवंबर को है |  पूजा का शुभ समय शाम को 5.32 बजे से लेकर 5.59 बजे तक है | लोगों को 30 मिनट के अंदर ही पूजा करनी होगी | इस दिन भगवान धनवंतरि, मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करें | आपके घर परिवार में सुख समृद्धि बनी रहेगी |