रायपुर / बिलासपुर- छत्तीसगढ़ में उपचुनाव वाली एक मात्र मरवाही विधानसभा सीट पर कांग्रेस के कब्जे के आसार है | यहां मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग करने में जिस तरह की सक्रियता दिखाई है , उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसका सीधा फायदा सत्ताधारी दल को हुआ है | हालांकि कांग्रेस को आशानुरूप वोट मिलते नजर नहीं आ रहे है | फिर भी एग्जिट पोल बताता है कि लगभग 10 हजार से अधिक मतों से उसने बीजेपी पर अपनी बढ़त बनाई हुई है | मरवाही विधानसभा सीट पर मतदान का 77.89 फीसदी रहा | मतदान में सक्रियता और तेजी सत्ताधारी कांग्रेस के पक्ष में नजर आई है | सर्वे के दौरान आधे से अधिक वोटरों ने स्वीकार किया है कि मरवाही-पेंड्रा के जिला बनने से उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया है | जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पक्ष में चली लहर उस समय दम तोड़ती नजर आई , जब वोटरों ने कहा कि अमित जोगी के चुनावी मैदान में नहीं होने से वे कांग्रेस के पक्ष में वोट डालने पर विचार कर रहे है |
ज्यादातर इलाकों में बीजेपी का बूथ मैनेजमेंट कांग्रेस के मुकाबले कमजोर नजर आया | इसका सीधा असर मतदान पर भी देखा गया | पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद खाली हुई मरवाही सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला कांटेदार रहा | इस सीट से विजयी कौन होगा इसका फैसला तो 10 नवंबर को विधिवत रूप से मतगणना के दौरान सामने आएगा | लेकिन जो रुझान आ रहा है , वो कांग्रेस के पक्ष में जाता हुआ दिखाई दे रहा है | इस विधान सभा सीट पर 8 उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया | लेकिन सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के ही बीच ही रहा। खास बात यह है कि पहली बार मरवाही के इस चुनावी मैदान में जोगी परिवार की अनुपस्थिति का सीधा फायदा कांग्रेस को मिलता दिखाई दिया | हालांकि जोगी कांग्रेस ने भाजपा के समर्थन में हवा बनाने की कोशिश , लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल पाई |
अंतिम समय जोगी कांग्रेस के बीजेपी को दिए समर्थन से बीजेपी को कुछ खास फायदा होते हुए नजर नहीं आया | बीजेपी का परंपरागत वोट उसकी झोली में जाते हुए दिखाई दिया | लेकिन जोगी कांग्रेस के समर्थन का उसे आंशिक लाभ ही मिलता नजर आया | उम्मीद की जा रही थी कि जोगी कांग्रेस के समर्थन से बीजेपी को काफी मदद मिलेगी और वो चुनाव जीतने की स्थिति में आ जाएगी | लेकिन उसके सभी समीकरण धरे के धरे रह गए |
बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को स्टार प्रचारक बनाकर चुनावी मैदान में उतारा था | लेकिन संगठन की कई कमजोरियों और खामियों के चलते रमन सिंह का जादू इस बार भी नहीं चल पाया | पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने भी पार्टी की जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया | लेकिन मतदाताओं को रिझाने में वे भी नाकामयाब रहे | उधर कांग्रेसी नेता और मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने शुरुआती दौर से ही कांग्रेस के पक्ष में माहौल तैयार करने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी थी | इसका असर तमाम बूथों पर नजर आया | मैदानी इलाकों में उनके समीकरण कामयाब रहे |
उन्होंने जोगी कांग्रेस के दो विधायकों को कांग्रेस के पक्ष में लाकर मतदाताओं को कांग्रेस के पक्ष में मतदान पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया | जयसिंह अग्रवाल की रणनीति कांग्रेस के लिए मील का पत्थर साबित हुई | पहली बार वे जोगी परिवार के वोट बैंक को साधने में कामयाब दिखाई दिए | मरवाही विधानसभा सीट पर अजीत जोगी के मजबूत वोट बैंक में उस समय बिखराव नजर आया जब प्रचार खत्म होने से एक दो दिन पूर्व बीजेपी के समर्थन में जोगी पार्टी खड़ी नजर आई | इस दौरान पार्टी में पड़ी फूट का सीधा फायदा कांग्रेस को मिलता हुआ दिखाई दिया | मतदान के दौरान आये रुझान में यह साफ़ तौर पर नजर भी आया |
मतदान के बाद अपने अपने बूथ से बाहर निकले वोटरों से न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ रूबरू हुआ था | हमारे संवाददाताओं ने मतदाताओं की नब्ज टटोली और यह जानने की कोशिश की कि आखिर वोटरों ने किस मुद्दे और बातों को ध्यान में रखकर मतदान किया है | इस दौरान ज्यादातर मतदाताओं ने मरवाही-पेंड्रा को जिला बनाये जाने की मांग पूरी होने को लेकर कांग्रेस के पक्ष में मतदान का दावा किया | ऐसे वोटरों का सैंपल सर्वे लगभग 60 फीसदी रहा | 45 फीसदी मतदाताओं ने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार का कामकाज उन्हें ठीक-ठाक नजर आ रहा है | लिहाजा उन्होंने सत्ताधारी दल पर ही मुहर लगाई है |
20 फीसदी महिलाओं ने दावा किया कि मौजूदा कांग्रेस सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर गंभीरता दिखाई है | 32 फीसदी किसानों-मजदूरों ने कांग्रेस के पक्ष में वोट का दावा किया | 22 फीसदी वोटरों ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए बीजेपी के पक्ष में मतदान का दावा किया | मात्र 2 फीसदी वोटरों ने अजीत जोगी और अमित जोगी का हवाला देते हुए बीजेपी के पक्ष में मतदान का समर्थन किया | 38 फीसदी ऐसे मतदाता सामने आये जिन्हे जोगी परिवार की कमी खलती दिखाई दी |
उन्होंने दावा किया कि जोगी या फिर उनकी पार्टी का उम्मीदवार नहीं होने के चलते उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया है | लगभग 40 फीसदी मतदाताओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कामकाज पर मुहर लगाते हुए उन्हें बेहतर मुख्यमंत्री बताकर सरकार के पक्ष में मतदान की दलीले दी | करीब 65 बूथों पर 20 फीसदी से ज्यादा ऐसे वोटर सामने आये जिन्होंने विकास को लेकर बीजेपी के पक्ष में मतदान करने का दावा किया | इस दौरान 28 फीसदी वोटरों ने मुख्यमंत्री रमन सिंह को बेहतर बताते हुए बीजेपी के पक्ष में मतदान का दावा किया |हमारे संवाददाताओं ने मरवाही-पेंड्रा के शहरी ग्रामीण और अति पिछड़े तीनों ही इलाकों के मतदान केंद्रों का रुख किया था | इन इलाकों में नौजवान वोटरों से लेकर बुजुर्गों से सैंपल सर्वे इक्कठा किये गए | विभिन्न बूथों से इक्कठा किये गए सैंपल सर्वे से यह तथ्य सामने आया है कि ज्यादातर बूथों पर कांग्रेस प्रत्याशी केके ध्रुव अपने निकटतम प्रतिद्व्न्दी डॉ.गंभीर सिंह पर भारी पड़ते नजर आये | एक अनुमान के अनुसार मरवाही विधानसभा सीट पर कांग्रेस के लगभग 10 हजार से अधिक मतों से जीत के आसार है | हालांकि ऊंट किस करवट बैठेगा इसका फैसला तो 10 नवंबर को सामने आएगा |