रायपुर / छत्तीसगढ़ में भ्रष्ट्राचार की जड़े इस कदर जम चुकी है कि पीएचई विभाग में करोड़ों के टेंडर निरस्त होने के लंबे समय बाद भी राज्य की कांग्रेस सरकार ना तो विभागीय मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई कर पाई है और ना ही अधिकारियों के | उधर चर्चा जोरों पर है कि एक ओर टेंडर निरस्त कर राज्य सरकार ने खानापूर्ति तो कर दी , वही पिछले दरवाजे से घोटाले में शामिल अफसरों और ठेकेदारों को नए सिरे से कार्य आवंटन किये जाने का खांका भी खींच लिया गया है | इस बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पीएचई घोटाले की जानकारी दी है |
रमन सिंह ने अपने पत्र में ,केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना में अनिमितता और बंदर बांट की शिकायत सबूतों के साथ की है | उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर भ्रष्ट्राचार के गंभीर आरोप लगाए है । उन्होंने पीएमओं को अवगत कराया है कि किस तरह से इस महती योजना को भ्रष्ट्राचार के दलदल में डुबाया गया था | रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के लिए आवंटित लगभग 15 हजार करोड़ की इस महती योजना में टेंडर निविदा के जरिये ब्लैकमनी इक्कठा करने को लेकर कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा किया है | उन्होंने पीएचई और जल जीवन मिशन योजना में गड़बड़ी की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से कराने की मांग की है। डॉ. रमन ने प्रदेश सरकार पर इस योजना को लेकर उदासीनता और लापरवाही बरतने का आरोप भी लगाया है | उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सरकार भ्रष्ट्राचार में लिप्त अपने साथियों को बचाने में जुटी है |
उधर रायपुर से लेकर दिल्ली तक पीएचई घोटाले और इसमें लिप्त नेताओं , अफसरों और ठेकेदारों को बचाने की गूंज सुनाई दे रही है | लोग सरकार की मज़बूरी और भ्रष्ट्राचार जरुरी जैसे तंज कसकर सरकार की साख पर चोट कर रहे है | बताया जा रहा है कि जिस तरह से हॉर्टिकल्चर माफिया और ब्लैकमनी पैडलर्स सरकार पर हावी नजर आ रहे है , उससे दिल्ली दरबार में भी सरकार की छवि धूमिल हो रही है |