पटना / एक घटना में उस वक़्त नदी किनारे हड़कंप मच गया जब अंतिम संस्कार के दौरान लोगों को पता पड़ा कि वे कोरोना संक्रमित व्यक्ति की शव यात्रा में शामिल हुए है | उन्हें यह भी पता पड़ा कि अंतिम संस्कार में शामिल मृतक के परिजनों को भी कोरोना हुआ है | ये सभी लोग कोरोना गाइडलाइन और नियम तोड़ते हुए अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे | दरअसल शादी, विवाह और अंतिम संस्कार को लेकर सरकार ने नियम तय कर रखे है | लेकिन इन लोगों ने नियम तोड़ते हुए तय लोगों से ज्यादा संख्या में इन अंतिम संस्कार में शामिल होकर खुद जोखिम उठाया था |
बताया जाता है कि संक्रमित मरीज की जब चिता जल रही थी तभी उसके बेटे के मोबाइल पर सूचना आई कि मृतक को कोरोना था। यह बात आस पास खड़े लोगों के कानों पर पड़ी तो वे सन्न रह गए | बस फिर क्या था अंतिम संस्कार में शामिल लोगों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में लोग घाट से भाग निकले। पटना के फतुहा घाट में अब इस मामले को लेकर लोग अपनी जाँच करा रहे है | बताया जाता है कि धनरूआ के टरवां गांव के 58 वर्षीय अधेड़ शख्स की मौत की सूचना देकर गांव के सभी लोगों को अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कहा गया था।
अंतिम संस्कार में शामिल लोगों के सैंपल लिए जा रहे है | प्रारंभिक रिपोर्ट में 4 लोगों के सैंपल पॉजिटिव निकलने के बाद पूरे गांव में हड़कंप मचा हुआ है। बताया गया कि मृतक अखिलेश दिल्ली में निवासरत थे | यहाँ खराब स्वास्थ के चलते दिल्ली में इलाज कराने के बजाये वह तीन दिन पहले अपने घर लौट आए थे। इलाज के लिए उन्हें पटना के एक निजी अस्पताल में ले गया था |
यहाँ उनका कोरोना वायरस टेस्ट के लिए सैंपल लेकर उन्हें घर भेज दिया गया। इस दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई और अचानक उनकी मौत हो गई। परिजनों ने फ़ौरन अंतिम संस्कार भी कर दिया | उन्होंने कोरोना रिपोर्ट को लेकर अस्पताल से कोई संपर्क नहीं किया था | उधर दूसरे दिन रिपोर्ट आने पर अस्पताल ने जब अखिलेश के परिजनों को सूचित किया तब पता पड़ा की वे कोरोना पॉजिटिव थे |