फिर आया जीएसटी फर्जीवाड़ा, बड़े पैमाने पर पकड़ी गई धांधली, जीएसटी अधिकारियों ने 52 करोड़ का आईटीसी दिलाने वाले को किया गिरफ्तार

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नई दिल्ली / जीएसटी चोरी के मामलों को लेकर अब अधिकारीयों की निगाहे तेज हो गई है | ताजा मामला 52 करोड़ का आईटीसी दिलाने का है | दरअसल जीएसटी अधिकारियों ने फर्जी बिल खरीद रैकेट का पर्दाफाश करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिस पर 52 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट जुटाने का आरोप है। सूत्रों ने बताया कि जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय की पुणे जोन यूनिट ने तुषार अशोक मुनोत को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी बिलों की खरीद-बेच से जुड़ा हुआ है और अपात्र आईटीसी लाभ के लिए कमीशन के आधार पर फर्जी बिल तैयार करने के बाद इसे दूसरों को पास कर धोखाधड़ी करता है। सूत्रों का कहना है कि तुषार का संबंध करीब 52.19 करोड़ रुपये के आईटीसी से पाया गया है।

तुषार की अपनी एक कंपनी मैसर्स रूतु एंटरप्राइजेज है और इसके अलावा भी मैसर्स रीज एंटरप्राइजेज, मैसर्स नमो एंटरप्राइजेज व मैसर्स पाटिल कांट्रेक्टर आदि का उपयोग कमीशन कमाने के लिए फर्जी बिल बेचने में किया गया। सूत्रों के मुताबिक, बेहद लंबे समय से तुषार पर नजर रखने के बाद उसे महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के निर्जन क्षेत्र में एक गांव से गिरफ्तार किया गया। उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां उसकी जमानत याचिका खारिज करते हुए उसे 2 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। तुषार ने अपनी कंपनी रूतु एंटरप्राइजेज के चार राज्यों में जीएसटीआईएन नंबर ले रखे थे। इनमें से एक महाराष्ट्र का था, जबकि बाकी तीन उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश के थे। इस कंपनी के प्रोफाइल में उसके इंटीरियर, कंस्ट्रक्शन, पाइप लाइन निर्माण, भू कार्य और इलेक्ट्रिक वर्क जैसे काम बताए गए हैं।

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