सरकारी व्यवस्था जरूरतमंदों के लिए अब भी कोसो दूर । गरीबो और जरूरतमंदों की सेवा सिर्फ प्रशासनिक नारा ।

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जशपुर \  प्रेम प्रकाश शर्मा \  छतीसगढ़ के जशपुर  जिले में एक शर्मनाक घटना ने लोक कल्याणकारी राज्य की परिकल्पना पर करारी चोट की है । यही नहीं आम जनता के प्रति प्रशासन कितना सवेंदनशील है, इस घटना ने  इसकी भी पोल खोलकर रख दी है  । मामला जशपुर के कांसाबेल  इलाके का है । जहाँ  सरकारी सुविधाओं का इस कदर अकाल पड़ गया है कि यहाँ एम्बुलेंस जैसी बुनियादी जरूरतों के अभाव में लोगों का दम निकलने लगा है।  बीती रात जशपुर के कांसाबेल में हुई सड़क दुर्घटना में  पिता पुत्री की मौके पर ही मौत हो गयी वही इस दुर्घटना में घायल   शक्श घण्टो तक एम्बुलेंस के लिए तरसता रहा और जब तक उसे एम्बुलेंस मिलता उसका दम निकल चुका था।

             घटना शनिवार रात की बताई जा रही है, जहाँ  सड़क दुर्घटना में पिता पुत्री की मौत के बाद घायल व्यक्ति की भी मौत हो गयी। घटना कांसाबेल थाना अंतर्गत थाना के समीप रास्ट्रीय राजमार्ग में सामने से आ रही ट्रक ने बाइक जोरदार टक्कर मार दी जिसमे बाइक में सवार पिता पुत्री की मौके पर ही मौत हो गयी तथा अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया,घटना की सूचना पर कांसाबेल पुलिस एवं स्थानीय लोगों की मदद से तीनों व्यक्तियों को कांसाबेल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहाँ डॉ ने चेटबा निवासी सन्तन साय पिता स्व सत्यनारायण साय उम्र 30 वर्ष एवं उनकी 5 वर्षिय पुत्री चहक साय को मृत घोषित कर दिया तथा गंभीर रूप से घायल कुंजबिहारी साय पिता रामधनी साय उम्र 28 वर्ष को अंबिकापुर के लिए रिफर कर दिया,जिसको अंबिकापुर लेते समय बगीचा समीप उसका मौत हो गया।घटना को लेकर पूरे गांव में मातम छा गया है।

       मृतक के परिजन हादसे के बाद घायल हुए व्यक्ति को डॉ द्वारा रिफर किये जाने के बाद ढाई घंटे तक एम्बुलेंस के लिए इंतज़ार करना पड़ा। परिजनों ने बताया कि कांसावेल का 108 एम्बुलेंस महीनों से ख़राब पड़ा है, जिसकी वजह से घायल हुए व्यक्ति को अंबिकापुर ले जाने में देरी हुई | जिसकी  वजह से उसकी  मौत हो गयी । परिजनों ने आरोप लगाया  कि केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री विष्णुदेव साय द्वारा  सांसद निधि से 10 लाख रुपये   बगिया के प्राथमिक स्वास्थ केंद्र की हालत सुधरने के लिए के लिए आवंटित किया गया था  | पर आज तक निधि का सही उपयोग नहीं किया गया | मृतक के परिजन ने बताया कि घटना के बाद एम्बुलेंस सुविधा के लिए बगिया अस्पताल के प्रभारी नीलकंठ नायक को कई बार फ़ोन किया गया लेकिन उन्होंने  फ़ोन तक रिसीव नही किया |  परिजन रात को एम्बुलेंस के लिए दर दर भटकते रहे, किसी तरह देर 108 की मदद से घायल को अंबिकापुर ले जाया जा रहा था, बीच रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी । फिलहाल इस घटना में जान गवाने वाले तीनो ही शक्श के शवो का पोस्टमार्टम कर उनकी लाश उनके परिजनों को सौप दी गयी है ।