हैदराबाद / आमतौर पर लावारिश शवों को बोझ समझकर उन्हें दफना दिया जाता है | कई बार समय की कमी और शिनाख्ती में अपेक्षित कोशिश नहीं किये जाने पर कई शव पुलिस और स्थानीय संस्थाओं को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिए जाते है | रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसे कई मामले पुलिस, पत्रकारों, वकीलों और प्रशासन के सामने आते है | लेकिन समाज में ऐसे भी लोग है जो निस्वार्थ भाव से लावारिश शवों को ना केवल सम्मानपूर्वक उनके गंतव्य तक पहुंचाते है, बल्कि ससम्मान उनका अंतिम संस्कार भी करते है | ऐसी मिशाल पेश कर रहे है राजेश्वर राव | उन्होंने सोशल मीडिया और वेबसाइट की मदद से शवों को उनके परिजनों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है |

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यह मामला तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से सामने आया है | राजेश्वर राव, सत्य हरिशचंद्र फाउंडेशन के फाउंडर हैं और अपने फाउंडेशन के जरिए मानवता बरकरार रखना उनका एकमात्र लक्ष्य है। राजेश्वर राव अज्ञात शवों को उनके परिवार तक पहुंचाने का काम करते हैं।राजेश्वर राव ने इसके लिए एक वेबसाइट बनाई है, जिसके तहत वो अज्ञात शवों को उनके परिजनों को सौंपते हैं। राजेश्वर राव ने अपने फाउंडेशन के बैनर के तले ही इस वेबसाइट को बनाया है। राजेश्वर राव का कहना है कि मैं इस वेबसाइट के जरिए अज्ञात शवों को उनके परिजनों तक पहुंचाने की कोशिश करता हूं। उन्होंने बताया कि अगर कोई किसी शव का दावा नहीं करता है, तो मैं उस शव का अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ करता हूं। राजेश्वर राव ने बताया कि अब तक 13,500 शवों की पहचान कर ली गई है और शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।