छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव का आत्मसमर्पण या महिला सम्मान की अनोखी दास्तान ? सोशल मीडिया में छाई तस्वीर, एडिशनल एसपी और एक डीएसपी की तस्वीरों का भी दावा, मुँह में लगे मास्क ने बढ़ाई लोगों की बेचैनी, राजनैतिक और प्रशासनिक हलकों में माथा पच्ची का दौर शुरू

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रायपुर / छत्तीसगढ़ में सोशल मीडिया में वायरल हो रही एक तस्वीर से राजनैतिक और प्रशासनिक गलियारों में अच्छी खासी चर्चा छिड़ी हुई है | दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और राज्य के मुख्य सचिव आरपी मंडल की है | यह भी कहा जा रहा है कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आरपी मंडल हाथों में छतरी थामे एक महिला डिप्टी कलेक्टर को बारिश से बचाते नजर आ रहे है | यह तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल हो रही है | तस्वीर को देखने वाले पहली नजर में इसे मंडल दंपत्ति की तस्वीर समझ बैठे | लेकिन जब नजरे गढ़ाई तो आँखों का धुंधलका साफ हुआ | उनका दावा है कि यह तस्वीर उस महिला डिप्टी कलेक्टर की है जो सैडो सीएम के नाम से चर्चित है | हालाँकि न्यूज़ टुडे ना तो इस तस्वीर की पुष्टि करता है और ना ही इस तस्वीर के साथ सोशल मीडिया में वायरल हो रही किसी खबर की | 

राज्य के राजनैतिक ही नहीं बल्कि प्रशासनिक गलियारे में इस तस्वीर को लेकर अच्छी खासी चर्चा छिड़ गई है | माथा पच्ची कर रहे एक धड़े की दलील है कि 2008 बेच की राज्य सेवा की महिला डिप्टी कलेक्टर के सम्मान में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और मौजूदा चीफ सेक्रेटरी ने कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी है | कहाँ चीफ सेक्रेटरी का शीर्ष पद और उसकी तुलना में एक डिप्टी कलेक्टर का ओहदा | दोनों के बीच जमीन आसमान का फर्क उन्हें दिखाई दे रहा है | उनके मुताबिक ये साहब की दरिया दिली ही है कि राज्य के चीफ सेक्रेटरी होने के बावजूद वे बारिश से भीगने से बचाने के लिए हाथों में छतरी थामे अपनी अधिनष्ठ डिप्टी कलेक्टर की सेवा में हाजिर है | उनके मुताबिक महिला सम्मान की दिशा में देश में यह पहला मौका है जब किसी राज्य का चीफ सेक्रेटरी हाथों में छतरी लिए अपने पद और प्रतिष्ठा की तिलांजलि दे रहा हो | 

उधर माथा पच्ची करने वाला दूसरा धड़ा इस तस्वीर को देखकर चीफ सेक्रेटरी के प्रोटोकॉल ही नहीं बल्कि आरपी मंडल जैसे चुस्त दुरुस्त और सख्त मिजाज वाले अफसर की कार्यप्रणाली पर अपनी दलीले दे रहा है | उनका मानना है कि प्रथम दृष्टया यह तस्वीर फर्जी हो सकती है | उनके मुताबिक आरपी मंडल जैसे सख्त छवि के अफसर से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती | यह तस्वीर उनके गले नहीं उतर रही है | बावजूद इसके उनका मानना है कि यह तस्वीर यदि असली है तो चीफ सेक्रेटरी की कार्यप्रणाली भी सोचनीय है | उनके मुताबिक किसी सैडो सीएम के सामने उनका यह आत्मसमर्पण नौकरशाही की कमर तोड़ने वाला है | इस तस्वीर को देखने के बाद नए नवेले उन आईएएस अधिकारियों का मनोबल टूटेगा जो कायदे कानूनों के पालन में ठोस सोच और कर्तव्यपरायणता का भाव भी रखते है | उनके मुताबिक  ट्रांसफर, पोस्टिंग और मलाईदार पदों पर काबिज होने के लिए वे हाथों में छतरी नहीं थामते बल्कि अपनी कलम और प्रशासनिक क्षमता का परिचय देते है | 

सोशल मीडिया में वायरल हो रही इस तस्वीर को लेकर जहाँ माथा पच्ची हो रही है, वहीँ इसके कई मायने भी निकाले जा रहे है | कोई इसे सकारात्मक रूप से देख रहा है, तो कोई दुर्भावना के चश्मे से इसे परख रहा है | इस बीच यह भी दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर ना तो चीफ सेक्रेटरी आरपी मंडल की है और ना ही 2008 बेच की सैडो सीएम की | उनका दावा है कि, दरअसल ये तस्वीर बलौदाबाजार जिले की एडिशनल एसपी निवेदिता पॉल की है, जो विधायक चंद्रदेव राय के पिता की तेरहवी के कार्यक्रम में शोक श्रद्धांजलि व्यक्त करने पहुंची थी | कहा जा रहा है कि उनके अधीनस्त डीएसपी संजय तिवारी छाता लेकर अपने एएसपी को बारिश की बूंदों से बचा रहे है | एसपी निवेदिता पॉल ने भी इस तस्वीर की तस्दीक करते हुए इसे दुर्भाग्यजनक बताया है |

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में वारयल हो रही ये तस्वीर सही है, लेकिन उसमे लिखा हुआ कैप्शन दुर्भाग्यपूर्ण है | उन्होंने दावा किया कि ये तस्वीर खुद उनकी है और साथ में हाथों में छाता लिए नजर आ रहे शख्स उनके एसडीओपी संजय तिवारी है | उनके मुताबिक स्थानीय विधायक के पिता की तेरहवी के दिन ये तस्वीर ली गई थी | उन्होंने इस मामले को लेकर चल रही माथा पच्ची को बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि लोग बेवजह ही गलत कैप्शन के साथ इसे पोस्ट कर रहे है | फ़िलहाल तमाम दावों और दलीलों के बीच इस तस्वीर ने सोशल मीडिया में खूब सुर्खिया बटोरी है | मामला जो भी हो लेकिन इस प्रकरण की जाँच और अफवाह फ़ैलाने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की उम्मीद तो की जा सकती है | 

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