उपेंद्र डनसेना [Edited By : शशिकांत साहू]
रायगढ़ । धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों की मौजूदगी के कारण ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल है। हांलाकि हाथियों के उत्पात को रोकने के लिए उन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। हर रात हाथी किसी न किसी गांव के करीब पहुंच कर फसल को नुकसान कर रहे हैं। वहीं बीती रात हाथियों का एक झुंड बरतापाली समिति के सामरसिंघा तेंदुपत्ता फड़ में पहुंच गया और यहां फड़ में मौजूद तेंदुपत्ता के बोरे को अपने सुंड में उठा कर फेंकने व भारी भरकम पैरों से फुटबॉल की तरह खेलने लगे और कई बोरों को फाड़ कर हाथी वापस जंगल की ओर निकल गए। सुबह मामले की जानकारी वन अमला को होने के बाद नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।
धरमजयगढ़ वन मंडल में करीब पचास से अधिक हाथी विचरण कर रहे हैं। इसमें सबसे अधिक छाल रेंज में हाथियों का झुंड मौजूद है। इसके अलावा धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में भी हाथियों का दल विचरण कर रहा है। ऐसे में बीती रात हाथियों का झुंड बरतापाली समिति के सामरसिंघा तेंदुपत्ता फड़ में पहुंचा और यहां तेंदुपत्ता के बोरों के साथ हाथियों का दल खेलने लगा। रात के दौरान हाथियों ने यहां तेंदुपत्ता बोरों को फुटबॉल की तरह खेला। कई बोरों को पटक पटका कर फाड़ भी दिया। रात के दौरान हाथियों के चिघांडऩे की आवाज भी सूनी जा रही थी। सुबह जब ग्रामीण यहां पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि हाथियों के द्वारा तेंदुपत्ता बोरे को काफी मात्रा में फाड़ दिया है। इसके बाद मामले की जानकारी ग्रामीणों ने वन अमला को दी गई। जहां वन अमला के दौरान नुकसान का आंकलन कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। बताया जा रहा है कि तेंदुपत्ता फड़ में खरीदी के बाद उनका बीमा भी होता है और अब आगे की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। विभागीय कर्मचारियों का यह भी कहना है कि रात का समय होने के कारण हाथियों की संख्या पता नहीं चल सकी।
18 का झुंड कर रहा विचरण
धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के प्रभारी रेंजर डीपी डनसेना ने बताया कि यहां 18 का एक झुंड विचरण कर रहा है और अन्य जंगलों में भी हाथी विचरण कर रहे हैं। हाथी से बचाव के लिए ग्रामीणों को कई तरह की समझाईश भी दी जा रही है। रात में पता नहीं चल सका कि कितने हाथी तेंदुपत्ता फड़ में पहुंचे थे। हांलाकि हाथियों पर भी निगरानी रखी जा रही है कि वह किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचा सके।
क्या कहते हैं डीएफओ
इस संबंध में धरमजयगढ़ डीएफओ प्रणय मिश्रा का कहना था कि तेंदुपत्ता फड़ में हाथी पहुंचे थे। यहां उन्होंने तेंदुपत्ता के बोरों के साथ खेला और पटक कर उसे फाड़ भी दिया है। हांलाकि इसका बीमा है और आगे की प्रक्रिया की जा रही है। हाथियों से बचाव के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है।