नई दिल्ली / क्रिकेट में कब क्या हो जाए ये किसी को पता नहीं होता और आईपीएल इसकी सबसे बड़ी मिसाल है। यहां आए दिन कुछ ना कुछ रोमांचक होता रहता है और गुरुवार रात भी कुछ ऐसा ही हुआ। एक सामान्य सा मुकाबला अचानक कुछ मिनटों में कैसे एक रोमांचक मुकाबले में तब्दील हो गया किसी को पता भी नहीं चला। सिर्फ दर्शक ही नहीं मैदान पर फील्डिंग कर रहे खिलाड़ियों और विरोधी कप्तान को भी भरोसा नहीं हो रहा था। बढ़ती धड़कनों के बीच किसी तरह अंतिम गेंद पर किंग्स इलेवन पंजाब ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को हराया लेकिन ये मैच सभी टीमों को सीख दे गया।
दरअसल बैंगलोर ने पहले टॉस जीतकर शारजाह के मैदान पर पहले बल्लेबाजी चुनी। टीम ने छह विकेट पर 171 रन का स्कोर बनाया। अब पंजाब के सामने 172 रनों का लक्ष्य था।19वां ओवर समाप्त होने पर पंजाब का स्कोर एक विकेट पर 170 रन था। यानी जीत बस दो कदम दूर थी। लेकिन ये दो कदम मीलों के फासले बन गए। आखिरी ओवर में क्रिस गेल 42 गेंदों पर 52 रन बनाकर खेल रहे थे और केएल राहुल 47 गेंदों पर 61 रन बनाकर जमे हुए थे। गेंदबाजी कर रहे थे भारतीय स्पिनर युजवेंद्र चहल। और उसके बाद जो हुआ वो बेहद दिलचस्प रहा,
आखिर पंजाब मंजिल पर तो पहुंच गया लेकिन छह गेंदें रोमांचक रहीं। बैंगलोर के कप्तान विराट कोहली ने क्रिस गेल, जो धाकड़ हाफ सेंचुरी लगा चुके थे, के सामने युजवेंद्र चहल को गेंद थमाई। वह कोहली का तुरुप का पत्ता हैं। लेकिन आज चहल दो ओवरों में 28 रन दे चुके थे। सामने गेल थे, यानी जरा सी चूक और मैच खत्म। हालांकि बैंगलोर की टीम को अहसास था कि जीतने का चांस नहीं पर पंजाब को अभी दो रन बनाने थे। और छह गेंदों का सामना करना था। और इन्हीं छह गेंदों में क्रिकेट अपने रोमांच के चरम पर पहुंचा।
19.1 पहली गेंद – चहल की पहली गेंद पर क्रिस गेल ने कोई रन नहीं लिया। अब 5 गेंदों में 2 रन चाहिए।
19.2 दूसरी गेंद – इस बार चहल ने ऑफ स्टंप के बाहर हवा में लहराती गेंद फेंकी और गेल ने इसको खेलना सही नहीं समझा। कोई रन नहीं। ्अब 4 गेंदों में 2 रन चाहिए।
19.3 तीसरी गेंद – युजवेंद्र चहल ने एक बार फिर फ्लाइटेड गेंद फेंकी और गेल ने स्वीप लगाते हुए मिडविकेट में शॉट खेला जहां देवदत्त पडिक्कल ने शानदार फील्डिंग करते हुए उन्हें एक रन से ज्यादा नहीं लेने दिया। स्कोर बराबर हो गए। अब पंजाब को 3 गेंदों में 1 रन चाहिए था। सभी फील्डर पिच के करीब आ गए।
19.4 चौथी गेंद – इस गेंद पर राहुल ने बैकफुट पोइंट दिशा में शॉट खेलना चाहा लेकिन वहां वो कैच होते बाल-बाल बचे। कोई रन नहीं आया। अब भी 2 गेंदों पर 1 रन चाहिए था। अब धड़कनें बढ़ चुकी थीं, बैंगलोर के सभी खिलाड़ी हंसते नजर आ रहे थे, कप्तान विराट कोहली भी।
19.5 पांचवीं गेंद – इस बॉल पर जीत के लिए बेचैन दिख रहे राहुल ने कवर दिशा में शॉट खेलकर तुरंत दौड़ लगा दी लेकिन फील्डर ने शानदार फील्डिंग करते हुए गेंद क्रिस गेल के विकेटकीपिंग छोर पर फेंकी क्योंकि वो दोनों में धीमे खिलाड़ी थे और एबी ने उनको रन आउट कर दिया। किसी को भरोसा नहीं हो रहा था। गेल पवेलियन लौट गए। अब जीत के लिए 1 गेंद पर 1 रन चाहिए था।
19.6 छठी गेंद – एक कैरेबियाई खिलाड़ी आउट हुआ, दूसरा पिच पर आया। निकोलस पूरन ने मोर्चा संभाला और कई शानदार पारियां खेल चुके इस बल्लेबाज ने चहल की गेंद को जमीन पर पड़ने ही नहीं दिया। वो आगे बढ़े और इसे फुल टॉस बनाकर लॉन्ग ऑन दिशा में छक्का जड़कर अपनी टीम को 8 विकेट से रोमांचक जीत दिला दी। मैदान पर लोकेश राहुल शांत बैठे हुए थे और बैंगलोर के खिलाफ हार के बावजूद हंसते नजर आ रहे थे क्योंकि वे जानते थे कि इस मैच को वो काफी पहले हार चुके थे, और अंतिम गेंद तक मैच को लेकर आना ही उनकी बड़ी सफलता थी।
किंग्स इलेवन पंजाब ने आखिर मैच जीत लिया लेकिन असल में मुकाबला इतना कड़ा होना ही नहीं चाहिए था। आखिरी तीन ओवर में पंजाब को जीत के लिए 11 रन चाहिए थे। आखिर दो ओवर में सात। यानी मैच को इतना रोमांचक बनाने में उसके बल्लेबाजों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। खास तौर पर गेल ने जिन्होंने 36 गेंद पर हाफ सेंचुरी पूरी की लेकिन अगली 9 गेंद पर सिर्फ तीन रन बनाए। खैर, पंजाब ने अभी तक दो ही मुकाबले जीते हैं और दोनों रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ।
इससे पहले पंजाब को दिल्ली कैपिटल्स ने सुपर ओवर में हराया था। वह मैच उसे जीतना चाहिए था लेकिन कुछ अंपायर की चूक और कुछ उनकी गलती कि वह तीन गेंद पर एक रन नहीं बना पाए वह मैच सुपर ओवर में गया जहां वह हार गए। इसके बाद राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ राहुल तेवतिया ने शेल्डन कॉटरेल के ओवर में पांच छक्के लगाकर मैच का रुख ही बदल दिया। और अपने पिछले मैच में जब वह आसानी से जीत रहे थे तो कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें दो रन से मात दी। आखिरी गेंद उन्हें सात रन चाहिए थे। ग्लेन मैक्सवेल का शॉट बाउंड्री से चंद सेंटीमीटर दूर गिरा और चौका हुआ। वरना मैच सुपर ओवर में जाता और वहां नतीजा कुछ भी हो सकता था।