रायपुर / कोरोना काल में कुछ डॉक्टरों ने इसके संक्रमण के खौफ को अपनी आय का एक बड़ा जरिया बना डाला | अस्पताल संचालित करने वाले ऐसे भागीदारों ने दोनों हाथों से ही नहीं बल्कि दोनों पैरों से मरीजों का ऐसा गला दबाया कि उन्हें मज़बूरी वश अनाप-शनाप बिलों के भुगतान के लिए मजूबर होना पड़ा | ऐसे अस्पतालों ने सिर्फ अमीरों ही नहीं बल्कि गरीब मरीजों से भी बिल वसूली के लिए बिल्कुल भी भेदभाव नहीं किया बल्कि समानता बरती | कोरोना के खौफ के चलते मरीज भी अपनी जान बचाने के लिए कही उधार तो कहीं कीमती सामानों को गिरवी रख अस्पतालों में मोटी रकम के भुगतान के लिए कांउंटर पर खड़ा नजर आया |
देश में यह पहला मौका है जब कुछ अस्पतालों ने एक ऐसी बीमारी जिसके लिए कोई कारगर दवा उपलब्ध नहीं है , ऐसा दावा करने वाले वैज्ञानिको की राय को दरकिनार कर मरीजों का इलाज किया | लेकिन इसकी कीमत इतनी अधिक लगाई कि मरीजों और उनके परिजनों का अब दम निकलने लगा है |
छत्तीसगढ़ में तो ऐसे मरीजों की संख्या हजारों में बताई जा रही है , जिनसे कोरोना इलाज के नाम पर मात्र हफ्ते दो हफ्ते के इलाज के लिए लाखों रूपये वसूल लिए गए | ऐसे मरीजों ने रोजाना कभी ICU के नाम पर तो कभी दवाईयों के नाम पर हजारों रुपयों का भुगतान किया | कोरोना काल में कुछ अस्पतालों का धंधा ऐसा चमका कि उन्होंने होटलों और बड़ी इमारतों के अलावा लोक कल्याण के लिए निर्मित धर्मशाला और सामाजिक भवनों को किराये पर लेकर उसमे भी व्यवसाय शुरू कर दिया |
महामारी के इस दौर में ऐसे अस्पतालों ने लगभग एक हजार गुना कमाई की | लेकिन अब इस अवैध कमाई का वो हिस्सा उन्हें लौटाना होगा , जो उन्होंने मरीजों से नाजायज तौर पर कमाया है | इसके लिए मरीजों और उनके परिजनों को अपने इलाके के नोडल अफसर से संपर्क करना होगा | इस समाचार में रायपुर जिले के अस्पतालों और उनके निर्धारित नोडल अफसरों की सूची और उनका मोबाइल नंबर संलग्न है | रायपुर के अलावा शेष जिलों के मरीज अपने जिले के नोडल अफसर से संपर्क करे | सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर ही भुगतान सुनिश्चित करने की जवाबदारी नोडल अफसर की है | यदि इस मामले में कोई कठिनाई हो तो न्यूज़ टुडे से अपनी समस्या साझा की जा सकती है |
छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना के इलाज की सरकारी दरें तय की है | ये दरे अस्पतालों के रख रखाव और इलाज और लाभ के लिए पर्याप्त से भी अधिक है , वही मरीजों के लिए सामान्य से अधिक बोझनुमा | बावजूद इसके निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों को कम से कम इतने भुगतान के लिए तैयार रहना होगा | राज्य सरकार ने कोरोना के इलाज की जो दरों के अलावा सैंपल टेस्ट की दरे भी निर्धारित की है उसमे कोविड-19 टेस्ट का शुल्क – 1600 रूपये प्रति मरीज , सैंपल कलेक्शन मरीज के घर पर जाकर लिया जाता है तो -1800 रूपये प्रति मरीज निर्धारित किया गया है |
सरकार द्वारा जारी निर्देश में साफ़ कर दिया गया है कि निर्धारित शुल्क से अधिक लेने की शिकायत प्राप्त होने पर एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897,छत्तीसगढ़ पब्लिक एक्ट1949तथा छत्तीसगढ़़ एपिडेमिक डिसीज कोविड 19 रेगुलेशन एक्ट 2020 के तहत कार्यवाही करें । इस आशय की जानकारी जिला कलेक्टर को दी जाए और उनके निर्देशानुसार आवश्यकता पड़ने पर उस चिकित्सालय को कोविड 19के इलाज के लिए प्रदान की गई अनुमति निरस्त की जाए।
राज्य शासन ने 5 सितंबर को आदेश जारी कर निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए दर का निर्धारण किया है। निजी अस्पतालों में उपलब्ध सुपरस्पेशियालिटी सुविधाओं के आधार पर इन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है। ए-श्रेणी में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ जिले के अस्पतालों को रखा गया है। बी-श्रेणी में सरगुजा, महासमुंद, धमतरी, कांकेर, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, कबीरधाम एवं बस्तर जिले के अस्पतालों को रखा गया है। शेष जिलों के अस्पताल सी-श्रेणी में शामिल हैं। निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज में होने वाला व्यय मरीज को स्वयं वहन करना होगा।
ए-श्रेणी वाले जिलों के एन.ए.बी.एच. मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में मॉडरेट स्थिति वाले मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रूपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। इसमें सर्पोर्टिव केयर आइसोलेशन बेड के साथ आक्सीजन एवं पीपीई किट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। गंभीर स्थिति वाले मरीजों के उपचार के लिए रोजाना 12 हजार रूपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। इसमें वेंटिलेटर केयर के बिना आईसीयू और पीपीई किट शामिल है।
अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए 17 हजार रूपए प्रतिदिन की दर निर्धारित की गई है। इसमें वेंटिलेटर केयर के साथ आईसीयू एवं पीपीई किट शामिल है। वहीं एन.ए.बी.एच. से गैर मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों के लिए मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रूपए, दस हजार रूपए एवं 14 हजार रूपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। बी-श्रेणी में शामिल जिलों के सुपरस्पेशियालिटी सुविधा वाले अस्पताल तीनों स्थिति (मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर) के मरीजों के इलाज के लिए ए-श्रेणी के लिए निर्धारित दर का 80 प्रतिशत और सी-श्रेणी वाले जिलों के अस्पताल 60 प्रतिशत शुल्क ले सकेंगे।
सरकारी दिशा निर्देशों के बावजूद कोरोना संक्रमित मरीजों से कई अस्पतालों में इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूले जाने का खेल अभी भी जारी है | लिहाजा अस्पतालों की अवैध उगाही का शिकार हुए मरीजों और उनके परिजनों से न्यूज़ टुडे अपील करता है कि वे सरकारी दरों से अधिक वसूली करने वाले अस्पतालों की लिखित शिकायत नोडल अफसरों से करे |
इस शिकायत की प्रतिलिपि न्यूज़ टुडे को भी भेजे , ताकि अतिरिक्त रकम की वापसी और अवैध वसूली करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई किये जाने के अभियान को गति मिल सके | इस खबर में पीड़ित मरीजों की सहायता के लिए नोडल अफसरों की सूची और सरकारी दरों का प्रकाशन भी किया गया है | यह सूची इस खबर के साथ संलग्न है | कठिनाई होने पर न्यूज़ टुडे की आधिकारिक मेल आईडी – newstodaycg@gmail.com अथवा वाट्सअप नंबर – 9993938461 पर भी शिकायत की जा सकती है | आप की आवाज को सरकार और नोडल अफसरों तक पहुचाये जाने की हर संभव कोशिश हमारे पत्रकार साथी करेंगे | ध्यान रहे यह निःशुल्क सेवा कोरोना महामारी के इस कठिन दौर में हमारा एक प्रयास है |