मानवता हुई शर्मसार : पति ने डेढ़ साल से पत्नी को टॉयलेट में कर रखा था कैद, शरीर में सिर्फ हड्डियों का बचा ढांचा, बाहर निकलते ही बोली- मुझे रोटी दो, हालत देखकर हर कोई रो पड़ेगा, महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी ने महिला को कराया मुक्त, मामला दर्ज

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पानीपत / दिल्ली से सटे पानीपत में मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है। पानीपत के गांव रिसपुर में एक महिला को उसके पति ने डेढ साल से टॉयलेट में बंद कर रखा था। शख्स महिला को मानसिक रूप से पागल बताकर उसके साथ मारपीट और यातनाएं दे रहा था। गुप्त सूचना के आधार पर महिला एंव बाल सरंक्षण निषेध अधिकारी ने उसे रेस्क्यू किया। महिला की हालत इतनी खराब थी कि उठकर चल भी नहीं सकती थी। कई दिनों से भूखी महिला ने टीम से सबसे पहले खाने को रोटी मांगी।

महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि गुप्त सूचना मिलाने पर एक टीम का गठन किया गया और सनौली पुलिस के साथ गांव रिसपुर में नरेश के मकान में छापा मारा। घर में पति नरेश मिला, जिसने पहले आनाकानी की लेकिन टीम पहली मंजिल पर पहुंची। टॉयलेट की चाबी मंगाकर ताला खोला। अंदर उसकी पत्नी मिली। जिसका शरीर मल मूत्र से सना हुआ था। पति ने बताया कि उसकी मानसिक हालत खराब है वह बार बार शौच कर देती है इसलिए इसे बंद कर कर रखते हैं।

टायलेट में बंधक रहने से अब उसकी टांगें भी सीधी नहीं हो पा रही हैं। शरीर में सिर्फ हड्डियों का ढांचा रह गया है। टायलेट से बाहर निकलते महिला को उस समय इतनी भूख लगी थी कि महिला ने दो कप चाय पी और 8 रोटियां खा गई। नहलाकर दूसरे कपड़े पहनाए। मौके पर नरेश ने बताया कि करीब 10 साल पहले रामरति के पिता और भाई की मौत हो गई थी, तभी से मानसिक रूप से बीमार रहती है। कहीं चली न जाए किसी को नुकसान न पहुंचा दे, इसलिए टायलेट में बंदकर रखते हैं।

महिला की 17 साल पहले शादी हुई थी। उसकी 15 वर्षीय बेटी है। एक बेटा 11 और दूसरा 13 साल का है। हैरानी की बात यह है कि पिता उनके सामने मां को पीटता था। लेकिन बच्चों ने ना कभी इसका विरोध किया और ना ही इस मामले की किसी से शिकायत की। बंधनमुक्त होने की चेहरे पर खुशी दिखी। उसे पहनने के लिए चूड़ियां और होठों पर लगाने के लिए लिपिस्टक मांगी। पुलिस ने महिला एंव बाल संरक्षण अधिकारी रजनी गुप्ता की शिकायत पर पति के खिलाफ 498 ए और 342 के तहत केस दर्ज कर लिया है।

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