गाजियाबद / देश महीनों से कोरोना वायरस से जूझ रहा है | कई चरणों में लॉकडाउन का सामना करने के बाद अब अक्टूबर के महीने में देश अनलॉक की पांचवीं प्रक्रिया में है | कोविड-19 के बीच सबसे ज्यादा बोझ पड़ा है हेल्थ सेक्टर और हेल्थ वर्कर्स पर | लेकिन इसके बाद पुलिस प्रशासन भी फ्रंटलाइन पर रहा है | कोविड-19 के संकट के वक्त दोनों ही सेक्टरों से बहुत से डॉक्टरों और अधिकारियों ने या तो छुट्टी ली थी या फिर इस्तीफा दे दिया था | लेकिन गाज़ियाबाद के मोदीनगर की एसडीएम ने कोरोना संकट की इस घड़ी में एक नया उदाहरण पेश किया है।

एसडीएम के पद पर तैनात आईएएस सौम्या पांडेय ने कोरोना काल में एक प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया है। उन्होंने इस कोविड-19 महामारी के भयानक दौर में अपनी जिम्मेदारी समझते हुए महज 14 दिन बाद ही कार्यालय पहुंचकर अपना पदभार सम्भाल लिया। डिलीवरी के बाद उनका मैटरनिटी लीव पर पूरा हक है लेकिन उन्होंने महज एक महीने की मैटरनिटी लीव ली है इसके बाद वापस काम पर लौट आई हैं। इतना ही नहीं, वह अपनी देखरेख के साथ-साथ बिटिया की भी पूरी तरह देख रेख करते हुऐ अपने काम पूरी जिम्मेदारी से कर रही हैं। एक मां और प्रशासनिक अधिकारी की जिम्मेदारियों का ऐसा खूबसूरत तालमेल बिठाने के लिए उनकी काफी प्रशंसा की जा रही है |
मूल रूप से प्रयागराज की रहने वाली सौम्या पांडेय 2017 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और गाजियाबाद में मोदीनगर एसडीएम के पद पर तैनात हैं। सौम्या पांडे ने नियुक्ति के बाद से ही इस कोरोना काल में भी बखूबी अपने कर्तव्य को निभाया है। उन्होंने इसी दौरान एक बिटिया को जन्म दिया। सौम्या ने बिटिया को जन्म देने के बाद सिर्फ 22 दिन का अवकाश लिया और फिर से अपना कार्यभार संभाल लिया है। अब वह अपने ऑफिस में बेटी को गोद में लेकर काम करते हुई दिखाई देती हैं।

सौम्या पांडे ने बताया कि जिस पद पर उन्हें रखा गया है उसके साथ इंसाफ करना उनकी जिम्मेदारी है। कोरोना के दौरान भी वह कई अस्पतालों की मॉनिटरिंग कर चुकी है। कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए वह अपने साथ-साथ बच्ची का भी विशेष ध्यान रखती हैं। सभी फाइलों को भी वह बार-बार सैनिटाइज करती हैं। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान से ही अभी तक गाजियाबाद जिला प्रशासन का उन्हें बड़ा सहयोग मिला है और सभी अधीनस्थ कर्मचारियों ने भी उनका भरपूर साथ दिया है।
