नई दिल्ली / क्या जल्दबाजी में तैयार हो रही है कोरोना की वैक्सीन ? दरअसल जिस तेजी से वैक्सीन तैयार की जा रही है , उसी तेजी से उसके साइड इफेक्ट भी सामने आ रहे है | ऐसे में वैक्सीन की गुणवत्ता को लेकर सवालियां निशान लगना लाजमी है | बताया जाता है कि किसी भी बीमारी के रोकथाम के लिए वैक्सीन तैयार करने में लंबा वक्त लगता है | इसके लिए एक लंबी जांच प्रक्रिया के दौर से वैज्ञानिकों को गुजरना होता है | लेकिन दुनिया के विभिन्न देशों में तैयार हो रही वैक्सीन के दौरान प्रयोगकर्ताओं को इसके कई साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ रहा है |

जानकारी के मुताबिक वैक्सीन तैयार करते समय जिन लोगों को बतौर ट्रायल इसे लगाया गया , उनमे से कई की हालत बिगड़ गई | उनकी जान भी जोखिम में नजर आने लगी | लिहाजा अलग अलग देशों में ट्रायल के दूसरे और तीसरे दौर में इस पर रोक लगानी पड़ी | ताजा मामला नामी गिरामी मेडिकल कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन का है | इस बीच देश विदेश में चर्चा छिड़ी है कि जल्दबाजी में तैयार की जा रही कोरोना की वैक्सीन वाकई कारगर साबित होगी या नहीं |फ़िलहाल तो जॉनसन एण्ड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट उजागर होने के बाद उस पर रोक लगा दी गई है |

अमेरिका की ड्रग मेकर कंपनी ‘जॉनसन एंड जॉनसन’ की कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट से एक वॉलंटियर की अचानक तबियत बिगड़ गई है | इस घटना के बाद कंपनी के तमाम वैक्सीन ट्रायल्स पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है | जॉनसन एंड जॉनसन कोरोना वायरस की वैक्सीन कैंडिडेट के तीसरे चरण के ट्रायल को कंडक्ट कर रहा है | इस खबर से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की महत्वकांक्षाओं को भी तगड़ा झटका लगा होगा, क्योंकि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमेरिका में लोगों को वैक्सीन मिलने का दावा किया था |

कोरोना वायरस की तबाही से दुनिया को बचाने के लिए वैज्ञानिक दिन-रात वैक्सीन पर तेजी से काम कर रहे हैं | हालांकि, क्लीनिकल ट्रायल्स में आ रही रुकावटों से कई बार लोगों की उम्मीदों को झटका लगा है | इससे पहले ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड के साझा सहयोग से तैयार की जा रही वैक्सीन के भी साइड इफेक्ट सामने आए थे, जिसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन में दर्जनों क्लीनिकल ट्रायल्स को रोक दिया गया था |

जॉनसन एंड जॉनसन ने सोमवार देर रात को एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘हमने अपने सभी कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट के क्लीनिकल ट्रायल्स पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है | इस प्रतिबंध में तीसरे चरण का ट्रायल भी शामिल है | स्टडी के दौरान एक प्रतिभागी के अचानक बीमार पड़ने की वजह से ये फैसला लिया गया है |’ कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘हम अपनी गाइडलाइंस को फॉलो कर रहे हैं | वॉलंटियर के अचानक बीमार पड़ने की समीक्षा और मूल्यांकन डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड द्वारा की जा रही है | साथ ही हमारी इंटरनल क्लीनिकल ट्रायल और सेफ्टी फीजिशियंस भी साइड इफेक्ट्स की जांच में जुटे हैं |’

जॉनसन एंड जॉनसन ने पिछले महीने ही कहा था कि उसके कोविड-19 वैक्सीन के प्रारंभिक और मध्य चरण के क्लीनिकल ट्रायल में इम्यून पर अच्छे नतीजे देखने को मिले है | कंपनी ने क्लीनिकल ट्रायल में 60,000 लोगों पर परीक्षण भी किया था | जॉनसन एंड जॉनसन को इस साल के अंत या 2021 की शुरुआत तक वैक्सीन मिलने की उम्मीद थी | हालांकि जॉनसन एंड जॉनसन ने वॉलंटियर में साइड इफेक्ट दिखने के बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया है | उन्होंने कहा, ‘हम प्रतिभागियों की प्राइवेसी का सम्मान करते हैं और वॉलंटियर के बीमार पड़ने की वजहों को खंगाल रहे हैं | इसलिए किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले सभी आंकड़ों को दुरुस्त कर लेना महत्वपूर्ण है |’

कुछ दिनों पहले एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के साइड इफेक्ट पर भी बड़ा हंगामा हुआ था | इस वैक्सीन से ब्रिटेन में एक महिला की रीढ़ की हड्डी में गंभीर रूप से सूजन आ गई थी और वो काफी बीमार पड़ गई थी | इसके बाद कंपनी की तरफ से ट्रायल को रोकने का फैसला लिया गया था | एस्ट्राजेनेका के चीफ एग्जीक्यूटिव ने बाद में बताया कि मरीज की हालत अब सुधर रही है |

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इस घटना के कुछ समय बाद ही ऑक्सफोर्ड की तरफ से सभी वॉलंटियर्स को एक दस्तावेज भेजा गया, जिसमें दावा किया गया कि ट्रायल में वॉलंटियर को हुई दिक्कत एस्ट्राजेनेका की एक्सपेरीमेंटल वैक्सीन की वजह से नहीं हुई थी | ये बयान सामने आने के बाद ब्रिटेन और अमेरिका में बंद पड़े दर्जनों ट्रायल्स को फिर से शुरू कर दिया गया था |
